2009-10-15 17:06:07

अफ्रीका के युवा इसका ख़जाना हैं


वाटिकन में सम्पन्न हो रहे अफ्रीकी धर्माध्यक्षों की दूसरी धर्मसभा में अफ्रीका महादेश के अनेक धर्माध्यक्षों ने इस बात की पुष्टि की है कि अफ्रीका की मुख्य निधि इसके युवा हैं। लेकिन उनकी उन ताकतों से रक्षा की जानी है जो उन्हें बाल सैनिक बनने या वेश्या के समान जीवन जीने के लिए विवश करती हैं। ऊगांडा में गुलू के महाधर्माध्यक्ष जोन बपतिस्त ओदामा ने मंगलवार को धर्मसभा की 13 वें सामान्य सत्र के समय उक्त तथ्य पर बल दिया। उन्होने अपने महाधर्मप्रांत में बच्चों के खिलाफ की गयी हिंसा से मिले निजी अनुभवों के आधार पर उक्त बातें कहा। वाटिकन द्वारा जारी उनके वक्तव्य के सार के अनुसार लोर्ड रेसिस्टंस आर्मी के विद्रोही लड़ाका सैनिकों द्वारा हिंसा को बढ़ावा दिया गया है। उन्होंने अनेक वर्षों से लोगों को आतंकित कर रखा है तथा विशेष कर बच्चों को लक्ष्य बनाया है। इन ताकतों ने बच्चों को बाल सैनिक बनने के लिए बाध्य किया है जिसका दुष्प्रभाव उनके मन और आत्मा पर भयानक रूप से पडा है। धर्माध्यक्ष महोदय ने कहा कि सैनिकों ने वेश्यावृति कराने के लिए किशोर युवतियों का अपहरण किया, इससे उनकी आशाएँ और भविष्य नष्ट हो गये। महाधर्माध्यक्ष ओदामा ने स्वीकार किया कि इस प्रकार के हिंसक कृत्य अफ्रीका के अन्य देशों में भी होते हैं। भूख से उत्पन्न हिंसा, शिक्षा के अवसरों की कमी, पर्य़ाप्त चिकित्सा सुविधा का अभाव, शहरी और शरणार्थी शिविरों में रह रहे लोगों की दयनीय जीवन स्थिति को देखते हुए उन्होंने धर्माध्यक्षों से राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक स्थितियों के खिलाफ कहने की अपील की जो बच्चों के खिलाफ हिंसा करती हैं।








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