हथियारों की होड़ और सेना पर अधिक व्यय खतरे का संकेत- महाधर्माध्यक्ष मिलयोरे
वाटिकन सिटी, 9 अक्तूबर, 2009। संयुक्त राष्ट्र संघ में संत पापा के स्थायी पर्यवेक्षक
महाधर्माध्यक्ष चेलिस्तिनो मिलयोरे ने कहा है कि आर्थिक मंदी के बावजूत सेना पर अत्यधिक
खर्च किये जा रहें हैं।
उक्त बातें महाधर्माध्यक्ष ने उस समय कहीं जब वे संयुक्त
राष्ट्र संघ की 64वी आम सभा को संबोधित कर रहे थे।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि
जो लोग हिंसा और आपसी संघर्ष के शिकार हुए हैं उनकी आशा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ यह
प्रयास करे कि विश्व को परमाणु हथियारों से मुक्त किया जाये।
इस अवसर बोलते हुए
उन्होंने यह भी बताया कि हथियारों के खरीदने की होड़ पर काबू किये जाने की आवश्यकता है
क्योंकि इससे मानवता को ख़तरा पैदा हो गया है।
उन्होंने इस बात की जानकारी दी
है कि पूरा विश्व मंदी के दौर से गुज़र रहा है फिर भी सेना के खर्च में चार फीसदी वृद्धि
कर दी गयी है। अब सेना पर 1 अरब 46 करोड़ खर्च किया जायेगा।
महाधर्माध्यक्ष ने
कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण की जो मशीनरी है उसे चाहिये कि वे हथियारों की खरीद-बिक्री
पर व्यय कम के लिये विभिन्न राष्ट्रों पर दबाव डाले ताकि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को हथियारों
से कोई खतरा न हो।
इसके लिये उन्होंने एक उपाय बताया कि राष्ट्रों को चाहिये
कि बुहपक्षीयता को मजबूत करें।
उन्होंने इस बात पर भी बल दिया है कि जो राष्ट्र
निरस्त्रीकरण के कार्यों में लगे हुए हैं उन्हें चाहिये कि वे नये राजनीतिक माहौल बनाने
में मदद दें।
उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि वे हथियारों की खरीद-बिक्री को
आम वस्तुओं की तरह खरीद-बिक्री की छूट न दी जाये। वैसे क्षेत्र जो युद्धग्रस्त हों वैसी
जगहों में तो यह नैतिकता के विरुद्ध है।
आर्कबिशप भी कुछ निरस्त्रीकरण के संबंध
में अनसुलझे मुद्दों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि 13 साल बाद टेस्ट
" व्यापक परमाणु-प्रतिबंध संधि " अभी तक लागू नहीं किया गया है