पाकिस्तानः ईसाईयों ने अमरीकी मदद को ठुकराया, ईश निन्दा कानून को रद्द करने की मांग
की
पाकिस्तान के गोजरा नगर में अगस्त माह में मुसलिम चरमपंथियों के आक्रमणों का शिकार बने
ख्रीस्तीयों ने अमरीकी राहत सहायता को ठुकरा दिया तथा ईश निन्दा कानून को रद्द किये जाने
की मांग की।
गोजरा में एक समारोह का आयोजन किया गया था जिसमें लाहौर स्थित अमरीकी
दूतावास के अधिकारी गोजरा में मुसलमान चरमपंथियों के हमलों का शिकार बने ख्रीस्तीयों
को राहत पैकेज प्रदान करने गये थे। लगभग 150 ख्रीस्तीयों ने विरोध प्रदर्शन कर राहत पैकेज
को ठुकरा दिया तथा इसके बदले अगस्त माह में मारे गये सात ख्रीस्तीयों के परिवारों के
लिये न्याय की मांग की। राहत पैकेज सबसे पहले शाहबाज हमीद को दिया जाना था जिसके परिवार
को ज़िन्दा जला दिया गया था।
हमीद तथा उसके साथी ख्रीस्तीयों की शिकायत है कि
हत्यारों के विरुद्ध एफ.आय.आर. दर्ज़ किये जाने के बावजूद पुलिस ने किसी को गिरफ्तार
नहीं किया है।
समारोह के दौरान ख्रीस्तीयों ने पुलिस, पाकिस्तानी अधिकारियों
तथा पाकिस्तान के प्रति अमरीकी नीति की कड़ी निन्दा करते हुए नारे लगाये। उन्होंने अमरीकी
दूतावास के अधिकारियों का आह्वान किया कि वे ख्रीस्तीयों के हत्याकाण्ड के लिये ज़िम्मेदार
चरमपंथियों की गिरफ्तारी तथा ईश निन्दा कानून को रद्द किये जाने के लिये अमरीकी प्रशासन
द्वारा पाकिस्तानी अधिकारियों पर दबाव डलवायें।
पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठन
हयूमन राईट्स फोकस पाकिस्तान के अध्यक्ष नवीद वॉल्टर ने ख्रीस्तीयों के विरोध प्रदर्शन
को उचित बताते हुए कहा है कि यह स्पष्ट दर्शाता है कि पाकिस्तान के ख्रीस्तीय पाकिस्तानी
सरकार पर विश्वास नहीं करते हैं।