2009-10-05 13:38:06

नयी शिक्षा नीति का विरोध


लाहौर, 5 अक्तूबर, 2009। पाकिस्तान के कैथलिक नेताओं ने नयी शिक्षा नीति का विरोध किया है। इस नीति के अनुसार देश में रहने वाले सब ही विद्यार्थियों को इस्लाम धर्म के बारे में पढ़ना जरूरी होगा।
न्याय और शांति के लिये बनी धर्माध्यक्षीय आयोग ने सरकार से माँग की है कि वे ऐसी व्यवस्था करें जिससे की गैर मुसलमान छात्र अपने धर्मों की शिक्षा प्राप्त करें न कि दूसरे धर्म की शिक्षा।
पाकिस्तान के लाहौर के महाधर्माध्यक्ष जोन सलधाना ने कहा है कि नयी शिक्षा नीति अल्पसंख्यकों के लिये चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार सोचती है स्कूली शिक्षा धर्मज्ञान के बिना अधुरी हो जाती है तो सरकार को चाहिये कि वह सब ही सम्प्रदायों के लिये धर्म क्लास की व्यवस्था करे।
ज्ञात हो कि पाकिस्तान सरकार ने 25 सितंबर को अपनी नयी शिक्षा नीति की घोषणा कि है और उसके अनुसार सबों को इस्लाम धर्म का अध्ययन करन है।
ईसाइयों ने नयी शिक्षा नीति का तो विरोध किया ही है उन्होंने इस बात की भी चिंता जतायी है कि पाठ्य क्रम में सिर्फ इस्लाम धर्म के संतों को स्थान दिया गया है और अन्य धर्म को नकारात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया है।
सन् 2008 के आँकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में गैर मुसलमानों विद्यार्थियों की संख्या 20 लाख है। काथलिक कलीसिया यहाँ 534 स्कूल, 53 छात्रावास. 8 कॉलेज, 7 टेक्निकल संस्थायें और 8 धर्मज्ञान केन्द्र चलाते हैं।








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