2009-09-27 13:53:42

कार्डिनलों, धर्माध्यक्षों, धर्मसमाजियों, धर्मबहनों, सेमिनेरियनों और लोकधर्मिकयों के विभिन्न संगठनों के सदस्यों को संत पापा का संदेश


मेरे अति प्रिय भाईयो एवं बहनों, एक हज़ार वर्ष पुराने महागिरजाघर जमा होना यह आज इस बात को दिखाता है कि ईश्वर की कृपा और शांति हमारे साथ है।

हम संत बेन्सलास, संत अलबर्ट, संत जोन नेपोमुक, संत प्रोकोपियुस औऱ संत लुदमिला की याद करें जिन्होंने अपने जीवन से यहाँ की काथलिक कलीसिया को मजबूत किया है।

संत भितुस की ने तो येसु के लिये अपने प्राण दे दिये। 20वीं सदी के में जिन धर्माध्यक्षों ने अपने विश्वास की रक्षा के लिय अपने प्राणों का बलिदान कर दिया वे हैं कार्डिनल जोसे बेरान और फ्रांटिसेक तोमसेक, जिन्होंने साम्यवादी धर्मसतावट के समय येसु के प्रति अपनी वफ़ादारी दिखायी और उन्हीं के लिये शहीद हो गये।

चेक गणराज्य के विश्वासियों ने धर्म के लिये अपनी जिस वीरता और उत्साह को दर्शाया है वह यही दिखाता है कि अगर हमारा संबंध येसु से गहरा है तो हम अपने ख्रीस्तीय बुलाहट को बख़ूबी से जी सकते हैं।

यदि हम चाहते है कि हमारा जीवन प्रभावकारी हो तो हमें चाहिये कि हम अपना संबंध प्रभु से गहरा कर लें ।

आरंभिक कलीसिया के एक प्रसिद्ध लेखक तरतुलियन ने इस बात की चर्चा की है कि अख्रीस्तीय, ईसाइयों के जीवन से इसलिये प्रभावित थे क्योंकि उनका आपसी संबंध प्रेममय था।

जैसा कि येसु ने खुद ही कहा था कि वे सेवा कराने नहीं वरन् सेवा करने आये हैं हम भी दूसरों को प्यार करें और दूसरों की सेवा करें। और यह प्यार हमारे व्यक्तिगत और सामूदायिक जीवन में दिखाई पड़े। संत पौल भी कहा करते थे कि येसु हमारे जीवन के शीर्ष है और अन्य सभी ख्रीस्तीय उसी के शरीर के अंग हैं अतः हम सबों को उसे एक ईश्वरीय शरीर के लिये कार्य करना है।

आज हम प्रभु को ग्रहण करें उसकी वाणी को सुने और उसी की शक्ति से एकता और शांति के लिये कार्य करें। स

आप सबों को याद होगा कि 20 साल पहले साम्यवादी शासन की निरंकुशता से मु्क्ति प्राप्त करने के लिये ईसाई समुदाय ने जो प्रयास किये थे उसी के कारण आप सबों को स्वतंत्रता मिली।

फिर भी यह भी सत्य है कि सुसमाचार के लिये जीवन जीना आसान नहीं है। आज भी समाज मे विभिन्न प्रकार की बुराइयाँ है। सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों का ह्रास हुआ है, लोग सुखवादी उपभोक्तावाद, नास्तिक विचारधारा और आधुनिक मानसिकता शिकार हो गये हैं।

मैं इस बात से भी अवगत हूँ कि आपलोगों ने अपने सेवाकार्यों देश की बहुत मदद की है। मेरी आशा है कि आप शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देना जारी रखें।

काथलिक स्कूल में इस बात पर बल दिया जाये कि सभी एक-दूसरे का सम्मान करें। कलीसिया यह नहीं चाहती है कि उसे कुछ लाभ मिले। वह तो बस यही चाहती है कि उसके कार्यों से लोगों का लाभ मिले।

प्रिय धर्माध्यक्षो भाइयों एवं बहनों आप सदा ही भले चरवाहे येसु से प्रेरणा ग्रहण करें और लोगों को सही मार्गदर्शन करें।

धर्ममाजियो आप सदा वफ़ादार बने रहिये सेमिनेरियनों अपना आध्यात्मिक जीवन मजबूत कीजिये।

बहनों एवं भाइयो आज हम कृतज्ञ ह्रदय से येसु के समक्ष आयें और संत जोन नेपोमुक के संत बनायें जाने की 280वीं वर्षगाँठ, संत भितुस महागिरजाघर के के समर्पण की 80वीं वर्षगाँठ, बोहेमिया के संत अग्नेस के के संत बनाये जाने की 20वीं वर्षगाँठ के लिये ईश्वर को धन्यवाद दे।

और इन सभी वरदान हमें प्रोत्साहित करे ताकि हम पूरे उत्साह से अपने विश्वास में मजबूत हों और अपना ख्रीस्तीय जीवन जी सकें।











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