2009-09-18 16:32:39

याजकों और लोकधर्मियों की विशिष्ट भूमिकाएँ


संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात सम्पन्न कर रहे ब्राजील के धर्माध्यक्षों के एक समूह को 17 सितम्बर को सम्बोधित करते हुए याजकों और लोकधर्मियों की विशिष्ट भूमिका के बारे में कहा। उन्होंने बल दिया कि याजकों का लौकिकीकरण तथा लोकधर्मियों का याजकीयकरण करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनैतिक कार्य़ लोकधर्मियों के लिए उपयुक्त है जबकि पुरोहितों को राजनैतिक क्रिया कलापों में शामिल नहीं होना चाहिए। पुरोहितों का अपरिहार्य़ और अहस्तांतरणीय कार्य़ ईशवचन की घोषणा करना तथा संस्कार प्रदान करना विशेष रूप से यूखरिस्त समारोह सम्पन्न करना है। इसी प्रकार लोकधर्मियों को याजकीय भूमिका अपनाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए। पुरोहितों की संख्या में कमी इस संदर्भ में भ्रम उत्पन्न करने का कारण नहीं बने बल्कि यदि पुरोहिताई की अद्वितीय भूमिका के प्रति यथोचित सराहना है तो लोकधर्मी और अधिक पुरोहितीय बुलाहटों को प्रोत्साहन प्रदान करने के प्रयासों में जुड़े। संत पापा ने ब्राजील के धर्माध्यक्षों को स्मरण कराया कि वे इस धारणा में नहीं रहें कि वर्तमान समय में पुरोहितों की कमी सामान्य या स्वीकार्य़ परिस्थिति है। उन्होंने कहा कि चर्च और अधिक पुरोहितों के लिए उत्साहपूर्वक कार्य़ और प्रार्थना करे।








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