संयुक्त राष्ट्रसंघ में वाटिकन के स्थायी पर्य़वेक्षक महाधर्माध्यक्ष चेलेस्तीनो मिल्योरे
ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार के लिए अनेक प्रकार के उपाय बताये जा रहे
हैं तथापि इस अंतरराष्ट्रीय संगठन में यह अपरिहा्र्य़ जरूरत है कि वह सामान्य हित के प्रति
निःस्वार्थ समर्पण प्रदर्शित करे। महाधर्माध्यक्ष चेलेस्तीनो मिल्योरे ने संयुक्त राष्ट्रसंघ
की अंतरराष्ट्रीय मंच पर सार्थकता वाली स्थिति के बारे में वाटिकन रेडियो से बात करते
हुए उक्त बातें कहीं। परमधर्मपीठीय प्रतिनिधि ने कहा कि निस्संदेह चिंताजनक आभास है कि
विशिष्ट सुधार के बिना जो निर्णय लिये जाते हैं उस कारण से संयुक्त राष्ट्रसंघ की सार्थकता
की स्थिति निम्नतम स्तर तक पहुँच जाएगी। समस्या पर्याप्त तकनीकि और सांस्थानिक समाधान
पाने की नहीं है क्योंकि सुधार के लिए अनेक प्रस्ताव हैं। महाधर्माध्यक्ष ने कहा मुददा
है राजनैतिक इच्छाशक्ति का, प्रत्येक सदस्य राष्ट्र, विशेष कर जो देश बड़े स्तर पर राजनैतिक,
आर्थिक, सैन्य और जनसांखियक प्रभाव रखते हैं वे सार्वभौमिक सामान्य हित के प्रसार के
अनुसार और संदर्भ में ही अपने राष्ट्रीय हित के प्रसार को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा
कि अंतरराष्ट्रीय संगठन शक्ति संग्रहण का स्थल न हो लेकिन लोगों की समस्याओं के प्रति
ध्यान देते हुए प्रभावी जवाब दे।