पेरिसः फ्राँस के वैज्ञानिक के अनुसार कॉनडोम पर सन्त पापा के विचार सही
फ्राँस के एक एपिडैमियोलोजिस्ट के अनुसार कॉन्डोम पर विश्व में जारी वाद विवाद वास्तविकता
से बहुत दूर है। उनके अनुसार सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का यह विचार यथार्थवादी है कि
कॉन्डोम एड्स की समस्या को और बढ़ा सकते हैं। फ्राँस के लियों शहर के विश्वविद्यालयीन
अस्पताल केन्द्र में बायोस्टैटिसटिक विभाग के निर्देशक रेने एकोकार्ड ने अपने विचारों
को समर्थित करते हुए अप्रैल माह में एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किये थे। इस सप्ताह
फ्रांस के ला मान्के लिब्रे के साथ बातचीत में एकोकार्ड ने स्पष्ट किया है कि कॉन्डोम
पर यथार्थवाद की कमी है।
ग़ौरतलब है कि मार्च माह में अफ्रीका की यात्रा पर जाते
हुए सन्त पापा बेनेडिक्ट XVI ने प्रेस से बातचीत में कहा था कि एड्स की समस्या पैसे मात्र
से दूर नहीं का जा सकती। इसके लिये जिम्मेदार व्यवहार की शिक्षा अनिवार्य है जो कॉन्डोम
टोपियों के वितरण से सम्भव नहीं। सन्त पापा के इस विचार ने पश्चिमी प्रेस में हंगामा
मचा दिया था तथा कई परिवार नियोजन समर्थक संगठनों ने भी इसकी कटु आलोचना की थी।
एकोकार्ड
की दलील है कि जब भी यौनाचार एवं परिवार विषय पर बातचीत की जाती है तब लोगों की राय अपने
सन्दर्भ बिन्दुओं को ही खो देती है। उन्होंने कहा कि समस्या जनविचार के प्रति ग़ैरसमझदारी
से उत्पन्न होती है।
उन्होंने समझाया, "लोगों ने सोचा कि सन्त पापा प्लास्टिक
की प्रभावकारिता के बारे में बोल रहे थे जबकि वास्तव में वे कॉन्डोम के प्रसार अभियान
पर बोल रहे थे जो बिल्कुल अलग विषय है।" उन्होंने कहा कि आज सभी एपिडैमियोलोजिस्ट इस
बात सहमत हैं कि उन देशों में जहाँ एड्स प्रभावितों की संख्या बहुत अधिक है कॉन्डोम वितरण
अभियान कारगर नहीं होते हैं।