बंगलोर, 14 सितंबर, 200। महाधर्माध्यक्ष बेरनार्ड मोरास ने लोगों से अपील की है कि वे
शांति बनाये रखें।
धर्माध्यक्ष मोरास ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने
10 सितंबर को हेब्बागोडी के संत फ्रांसिस डे सेस्स चर्च को देखने गये जहाँ कुछ असामाजिक
तत्वों ने चर्च में स्थापित माता मरिया औऱ संत जोन की प्रतिमा और क्रूस को तोड़ डाला
था। शरारती तत्वों ने गिरजाघर के शीशे को भी तोड़ डाला था।
ईसाइयों ने इस तोड़-फोड़
के विरोध और रोष प्रकट करते हुए राष्ट्रीय मुख्य मार्ग को जाम कर दिया औऱ सरकार पर दबाव
डाला कि वे अपराधियों को अविलंब गिरफ्तार करे।
धर्माध्यक्ष मोरास ने कहा कि चर्च
उन ताकतों से नही घबराती है जो लोगों को धर्म के आधार पर बाँटने का प्रयास करती है।
धर्माध्यक्ष ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मुलाक़ात उनसे आग्रह किया कि वे दोषियों को
तुरन्त गिरफ़्तार करें।
ज्ञात हो कि यह घटना उस समय हुई जब ईसाइयों के विभिन्न
कलीसियाओं ने एक मंच का गठन किया है ताकि धर्म के नाम पर तोड़-फोड़ करने वालों के साथ
निपट सकें।
पल्ली पुरोहित फादर अलोइसियुस कुजुपल्ली ने उकान समाचार को बताया
कि ऐसा दूसरी बार हुआ जब शरारती तत्वों ने चर्च पर तोड़-फोड़ मचाया है।
फादर
ने बताया कि इससे चर्च को करीब 2 लाख पचास हज़ार रुपये की क्षति हुई है।
उधर कर्नाटक
के मुख्यमंत्री बी. येदयुरुप्पा ने कहा है कि वे दोषियों को बख़्शा नहीं जायेगा। जिन
कलीसियाओं ने मंच का गठन किया है वे हैं – काथलिक कलीसिया के अलावा चर्च ऑफ साउथ इंडिया
मेथोडिस्ट, मारथोमा, जाकोबाईट, बिलीभर्स चर्च, कर्नाटक बैपटिस्ट चर्च, असेम्बली चर्च,
फेडेरेशन ऑफ क्रिश्चियन चर्चेस ऑर्गोनाइजेशन, लूथेरन, सेभेन्थ डे अडभेन्टिस्ट और साल्भेशन
आर्मी आदि।