वाटिकन स्थित काथलिक शिक्षा सम्बन्धी परमधर्मपीठीय धर्मसंघ ने "स्कूलों में धार्मिक शिक्षा"
शीर्षक से एक परिपत्र जारी कर इस तथ्य पर बल दिया है कि काथलिक शिक्षा आशा का स्रोत है।
उक्त परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के अध्यक्ष कार्डिनल ज़ेनॉन ग्रोखोलेव्स्की तथा धर्मसंघ
के सचिव महाधर्माध्यक्ष जाँ लई ब्रूज़े द्वारा हस्ताक्षरित परिपत्र सम्पूर्ण विश्व के
काथलिक स्कूलों को प्रेषित किया गया। इसमें इस बात को रेखांकित किया गया है कि काथलिक
शिक्षा ऐसा कार्य है जिसमें काथलिक कलीसिया के अधिकार तंत्र के अधीन रहकर अभिभावकों
एवं स्कूलों के बीच भागीदारी का आवश्यकता है ताकि धार्मिक शिक्षा की गारंटी दी जा सके।
परिपत्र में कहा गया कि युवा व्यक्तियों के उचित प्रशिक्षण में काथलिक स्कूलों
की भूमिका को स्पष्ट करना, काथलिक स्कूलों की प्रकृति एवं उनकी पहचान को परिभाषित करना
तथा स्कूल एवं धर्म पर आधारित शिक्षा के विकल्प हेतु अभिभावकों को स्कूल चुनने की स्वतंत्रता
देना अनिवार्य है।
यह भी कहा गया कि वर्तमान संस्कृति की पृष्टभूमि में शिक्षा
के समक्ष प्रस्तुत चुनौतियों के कारण यह ख़तरा बना हुआ है कि हम मानव व्यक्ति के अखण्ड
विकास को शिक्षा से दरकिनार कर दें। अस्तु, यह आवश्यक है कि मानव व्यक्ति के सर्वांगीण
विकास पर ध्यान दिया जाये और किसी भी सूरत में उसके धार्मिक एवं आध्यात्मिक आयामों की
अवहेलना न की जाये।