2009-09-07 12:56:01

युद्ध नहीं, प्रेम, क्षमा और सद्भाव - पोप


वितेरभो, इटली, 7 सितंबर, 2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है द्वितीय विश्व युद्ध की याद करने के साथ हमें चाहिये कि हम नये सिरे से इस बात का प्रयास करें कि शांति का वातावरण बने और आने वाली पीढ़ी को शांति और सद्भाव का उपहार दे सकें।

संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब वे फौल घाटी के वितेर्भो नामक स्थान में रविवारीय देवदूत प्रार्थना के समय उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।

संत पापा ने इस बात पर बल देते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि हम द्वितीय विश्व युद्ध में हुई जान माल की बरबादी को भूल जायें।

हम इस बात को भी भूल जायें कि इस युद्ध से हज़ारों निर्दोष लोग मारे गये हैं पर हमें इस बात को भी नहीं भूलना चाहिये कि हम उनके लिये प्रार्थना करें और उनकी मदद करें जो इस युद्ध के शिकार हुए या आज भी उसे कुप्रभाव को झेल रहे हैं।

उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस प्रकार के अमानवीय कुकृ्त्य फिर से दुहराये न जायें।

उन्होंने कहा कि ऐसे समय में विभिन्न धर्मों की भूमिका और भी बढ़ जाती है।

संत पापा ने आशा व्यक्त की है कि आने वाले दिनों हम आपसी सहयोग, प्रेम और आपसी सम्मान के साथ जीवन बिता पायेंगे।









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