वाटिकन सिटी, 5 सितंबर, 2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि ऑर्थोडोक्स परंपराओं
के द्वारा आध्यात्मिक बातों को समझने के प्रयास के लिये आयोजित सेमिनार एक अच्छी पहल
कहा है।
संत पापा के उक्त संदेश को वाटिकन के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट कार्डिनल तारचिसियो
बेरतोने ने 17वें अंतरराष्ट्रीय अंतरकलीसियाई सेमिनार में भाग ले रहे प्रतिनिधियों को
दी।
सेमिनार का आयोजन ऑर्थोडोक्स या परंपरावादी आध्यात्मिकता के संबंध में चर्चा
के लिये बुलाया गया है।
उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस प्रकार के सेमिनार से
लोगों में आध्यात्मिक संघर्ष के बारे में जानकारी प्राप्त होगी और युवाओं को अपनी आध्यात्मिकता
को मजबूत करने में प्रोत्साहन मिलेगा।
संत पापा के द्वारा प्रेषित संदेश इटली
के बोसे के मठाधीश इनसो बियान्की को संबोधित किया गया था। आयोजकों ने कहा है कि ऑर्थोडोक्स
कलीसया के द्वारा आयोजित यह सेमिनार आध्यात्मिक जीवन के लिये अति महत्त्वपूर्ण है।
ज्ञात
हो कि इस सेमिनार का आयोजन 2 सितंबर बुधवार को आरंभ हुआ और शनिवार 5 सितंबर को समाप्त
हो गया। उन्होंने यह भी बताया कि सेमिनार में इस बात की चर्चा की गयी है कि ' बुरे विचार
' ही मन को दूषित कर देते हैं और व्यक्ति को पाप में गिरा देते हैं।
ज्ञात हो
कि इस सेमिनार में ऑर्थोडोक्स कलीसिया के अलावा काथलिक कलीसिया और चर्चेस ऑफ द रिफोर्म
के ईशशास्री और बुद्धिजीवी हिस्सा ले रहे हैं।
काथलिक कलीसिया का प्रतिनिधित्व
कार्डिनलों की सभा के उप डीन कार्डिनल रोजर एचेगराय, रूस में संत पापा के राजदूत धर्माध्यक्ष
अंतोनियो मेनिनि, अन्तरकलीसियाई एकता के लिये परमधर्मपीठीय समिति के सचिव मोनसिनयोर ब्रायन
फारेल औऱ जेस्विट फादर मिलान जेस्ट होंगे।