महाधर्माध्यक्ष चिन्नाथ द्वारा ईसाई विरोधी हिंसा को समाप्त किये जाने का आह्वान
25 अगस्त को भारत के विभिन्न राज्यों में मनाये गये शांति और सौहार्द दिवस को देखते हुए
कटक भुवनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष रफायल चिन्नाथ ने बल दिया है कि ईसाई विरोधी हिंसा जैसे
कृत्य फिर कदापि न हों। उन्होंने उड़ीसा राज्य में ईसाईयों के विरूद्ध चरमपथी हिन्दुओं
द्वारा किये गये हमलों की प्रथम बरसी को देखते हुए उक्त बातें कहीं जिसमें 70 लोग मारे
गये तथा ईसाईयों के सैकड़ों घरों को नष्ट कर दिया गया था। लोजरवातोरे रोमानो समाचार पत्र
के अनुसार महाधर्माध्यक्ष चिन्नथ ने कहा कि संसार को मालूम होना चाहिए कि शांति और सौहार्द
का क्या मतलब होता है तथा हमें हर उन प्रवृत्तियों के खिलाफ संघर्ष करना है जो अपराधों
को जन्म देती हैं। हिंसा और रक्त पात मानवजाति के विनाश की और ले जाती हैं। हमें प्रेम
के लिए कार्य़ करना है जिसका मतलब शांति के लिए काम करना है। महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि
एक वर्ष बीत गया है अनेक लोग अब भी शरणार्थी शिविरों में और निकटवर्ती शहरों में रह रहे
हैं। अनेक लोग अपने घरों को लौट गये हैं लेकिन अब भी वे आतंक और खतरे के साये में जीवन
जी रहे हैं। महाधर्माध्यक्ष ने चरमपंथी हिन्दुओं से आग्रह किया कि हमले के दौरान नष्ट
कर दी गये प्रार्थनालयों के पुर्ननिमार्ण में बाधा खडी नहीं करें । साथ ही उन्होंने कहा
कि हिंसा और आगजनी के जिम्मेदार लोगों को जबतक पुलिस गिरफ्तार नहीं करती है तबतक निर्दोष
और असहाय लोगों के खिलाफ हमले होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी शक्ति और हमारी आशा
येसु का क्रूस है।