धन्य मदर तेरेसा के जन्म का शतवर्षीय समारोह मनाने की तैयारी
मिशनरीज औफ चारिटी धर्मसमाज की सुपीरियर जेनेरल सिस्टर मेरी प्रेमा ने अपने संदेश में
कहा है कि 26 अगस्त 2010 को हम मदर तेरेसा के जन्म का शतवर्षीय समारोह मनायेंगे इसके
लिए हम मदर के लिए सर्वोत्तम उपहार की तैयारी करें, हमारी ईमानदार सदइच्छा हो कि हम ईश्वर
के प्रेम और निर्धनों की शांति के पात्र बनें। कोलकाता की मदर तेरेसा का जन्म 26 अगस्त
1910 को हुआ था। उन्होंने निर्धनों में सबसे निर्धन की सेवा करते हुए अपना सम्पूर्ण जीवन
ईश्वर को अर्पित कर दिया। वे छोटे छोटे काम को भी महान प्रेम के साथ करती थीं। वे प्रत्येक
व्यक्ति में ईश्वर की संतान होने की मर्य़ादा को पहचानती और प्यार करती थीं। सिस्टर प्रेमा
ने कहा है कि ईश्वर ने प्रेम करने और प्रेम पाने के महान उद्देश्य के लिए हमारी सृष्टि
की है। जब हम ईश्वर के प्रेम को और दूसरों की प्रेमपूर्ण सेवा को अनुभव करते हैं तब हम
जानते हैं कि हम अद्वितीय और विशेष हैं एवं इस प्रेम को दूसरों के साथ बाँटना चाहते हैं।
मदर तेरेसा ने सब लोगों को प्रेम करने के लिए अपने दिल को खोला। वे हम सबको प्रेरणा देना
जारी रखी हैं कि गरीबों में ईश्वर की संतान होने की गरिमा को हम देखें तथा अपनी विनम्र
सेवाओं के द्वारा शांति और खुशी लायें। हमारे परिवार में ही कोई व्यक्ति होगा जो अकेलापन,
प्यार की कमी, स्वीकृति की जरूरत या क्षमा पाने की महसूस कर रहा है। प्रेम घर से ही आरम्भ
होता है इसलिए उस व्यक्ति के लिए प्रेम का चैनल बनें। मदर का संदेश कि प्रत्येक व्यक्ति
महिला और बच्चे के लिए ईश्वर का मधुर प्यार है यह हमारी तथ्य हमें जागरूक करे कि ईश्वर
ने महान चीजों के लिए हमारी सृष्टि की है। मदर के जन्म का शतबर्षीय समारोह मनाने की तैयारी
के लिए हमारा सर्वोत्तम यह उपहार होगा कि निर्धनों के लिए हम ईश्वर के प्रेम और शांति
के चैनल बनें। ज्ञात हो कि मदर तेरेसा 1929 में कोलकाता आईं तथा 1950 में उन्होंने
मिशनरीज औफ चारिटी धर्मसमाज की स्थापना की। वे 1979 में शांति के नोबेल पुरस्कार के सम्मानित
हुई। वाटिकन ने मदर तेरेसा का 1997 में निधन होने के 6 साल बाद निर्धनों में भी सबसे
निर्धन की सेवा करने कि उन्हें धन्य घोषित किया।