पुरोहितों और धर्मसमाजियों के जीवन का सम्मान करने का आग्रह
कोलम्बिया में धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष, धर्माध्यक्ष रूबेन सालाजार ने देश में
विद्यमान विद्रोही समूहों से विगत सप्ताह आग्रह किया है कि वे पुरोहितों और धर्मसमाजियों
के जीवन का सम्मान करें जो अनेक मामलों में दशकों तक चले नागरिक गृहयुद्ध के शिकार हुए
लोगों के लिए आशा की एकमात्र स्रोत हैं। सशस्त्र संघर्षों के कारण कोलम्बिया में हताहत
होनेवाले धर्माध्यक्षों और पुरोहितों की संख्या बहुत बड़ी रही है। सन 1984 से अबतक 2
धर्माध्यक्ष, 67 पुरोहित 8 धर्मसमाजी और 3 सेमिनरियन मारे गये हैं। नेशनल रिकनसिलियेशन
कमीशन के महासचिव फादर दारियो एक्केवरी के अनुसार, संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में पुरोहितों
के कार्य़ों को मान्यता और पहचान मिलनी चाहिए हालाँकि वे भी आम नागरिकों के समान कष्ट
उठाते हैं। वे आराम नहीं कर सकते हैं क्योंकि समुदाय के लिए वे आशा की एकमात्र किरण हैं।
कोलम्बियन दैनिक समाचार पत्र एल टियेम्पो ने फादर एक्केवेरी के कथन को उद्धृत करते हुए
बताया कि विश्लेष्क अपनी डेस्क पर से संघर्ष को देखते हैं, पुरोहित कोलम्बिया में जारी
युद्ध को समझते हैं क्योंकि वे भी इस माहौल में जी रहे हैं और सह रहे हैं। यही कारण है
कि वे एफएआरसी जैसे सशस्त्र समूहों का आह्वान करते हैं कि पुरोहितों के मिशन से जुड़े
अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानूनों के मौलिक नियमों के प्रति वे सम्मान प्रदर्शित करें।