वाटिकन के अर्थशास्त्री थोमस हान हूंग सून ने कहा है कि वर्तमान वैश्विक आर्थिक संकट
दिखाता है कि नैतिक बुनियाद के बिना पूँजीवाद सफल नहीं होता है तथा ईसाईयों को वे चाहे
व्यापारी हों नीति निर्माता या मात्र उपभोक्ता हों उन्हें यह बात ध्यान में रखनी चाहिए।
वाटिकन के आर्थिक मामलों के अधिकारी हान ने कहा कि इस संकट के मूल में नैतिक घाटा है
और जब व्यवसाय की बात आती है तो ईसाईयों ने सुसमाचार में पाये जानेवाले उदारता और न्याय
के सिद्धान्तों का हमेशा पालन नहीं किया है। हम ईमानदारीपूर्वक पुनः स्वीकार करें कि
पूँजीवाद की भावना सुसमाचार से मेल नहीं खाती है। ईसाईयत के मूल में है दूसरों के प्रति
प्रेम। पूँजीवाद के केन्द्र में प्रतियोगिता है जो कि प्रेम के विपरीत है। उन्होंने कहा
कि पूँजीवादी व्यवस्था को एक ही बार में पूरी तरह बदल देना वास्तविकता नहीं होगी और इसके
विकल्प जैसे साम्यवाद पर विचार करते हुए हम पाते हैं कि ऐतिहासिक रूप से यह भी सफल नहीं
रहा है। इसलिए मुक्त बाजार को संचालित करने के लिए बेहतर नियम कानूनों की जरूरत है। उन्होंने
कहा यह स्पष्ट है कि ख्रीस्तीय के रूप में केवल संभवतः सबसे कम कीमत पर सबसे अधिक मुनाफा
वाली बात का हम समर्थन नहीं कर सकते हैं।