2009-08-25 17:22:19

नयी शुरूआत करने की आशा


सीबीसीआई के उपाध्यक्ष तथा मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि विगत वर्ष भारत के उड़ीसा राज्य के कंधमाल में हुई ईसाई विरोधी हिंसा की घटनाएँ भारत के इतिहास के सर्वाधिक दुखःद क्षणों में से एक है। देश को फिर से बहुसांस्कृतिक , बहुधार्मि्क और बहु भाषीय परम्परा के अपने गौरव को हासिल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कंधमाल में धार्मिक असहिष्णुता और हत्या की गंभीर घटना्ओं से चिह्नित भयानक वर्ष रहा। एक साल बाद हम ईश्वर से प्रार्थना करें कि वे हमारे देश को शांति और सौहार्द का वरदान दें तथा त्रासदीपूर्ण ईसाई विरोधी हिंसा से उत्पन्न मानसिक व्रणों और दुःखद स्मृतियों को चंगा करें। हम उनके लिए भी प्रार्थना करें जिन्होंने इन अपराधों को अंजाम दिया तथा वे सबलोग जो इन वारदातों के सूत्रधार रहे हैं वे अपने द्वारा की गयी बुराई को स्वाकार कर करें। महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि ईश्वर हमारे लोगों को नवीन शुरूआत करने की कृपा प्रदान करें ताकि वे शांतिपूर्ण सह अस्तित्व, परस्पर स्वीकृति, सहनशीलता और शांति में जीवन यापन कर सकें। उन्होंने कहा कि विभिन्न धार्मिक समुदायों के मध्य अंतर धार्मिक बैठकें विभिन्न स्तरों पर, समुदाय और समाज, यहाँ तक कि विद्यालयों और उच्च शिक्षा के संस्थानों में भी परस्पर संवाद का प्रसार करें। 24 अगस्त कंधमाल में ईसाईयों के विरूद्ध हिंसा की प्रथम बरसी है, भारत में सब कलीसियाओं के लिए यह प्रार्थना का दिवस है। हम अपने देश के लिए प्रार्थना अर्पित करें ताकि अपनी प्रिय मातृभूमि में प्रत्येक जन भाई -बहन के समान जीवन जी सके एवं ईसाई विरोधी हिंसा फिर से भारत की परम्परा और सांस्कृतिक विरासत को हानि नहीं पहुँचा सकें।








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