समुदाय के निर्माण के लिये येसु से संयुक्त होना आवश्यक - पोप
रिमिनी, इटली, 24अगस्त, 2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कमयुनियन एंड लिबरेशन
नामक लोकधर्मियों की सप्ताह भर चलने वाले सेमिनार में एक संदेश भेजकर कहा है कि येसु
से मिलकर कार्य करने से एक अच्छे समुदाय का निर्माण होता है।
संत पापा के संदेश
को वाटिकन के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट कार्डिनल तारचिसियो बेरतोने ने 23 अगस्त रविवार को उस
समय पढ़ा जब सेमिनार के उद्घाटन के लिये पवित्र यूखरिस्तीय समारोह का आयोजन किया था।
संत पापा के संदेश में इस बात पर बल दिया गया है कि घटना एक शब्द है और जिसके
द्वारा संगठन के संस्थापक डोन जियुसानी ने ईसाई धर्म के सही रूप को बतलाने का प्रयास
किया।
उसके लिये ईसाई धर्म ईश्वर से एक मुलाकात है जिसके द्वारा ज्ञान प्राप्त
होता है और उस ज्ञान से एक अच्छे समुदाय का निर्माण होता है।
इस अवसर सम्मेलन
में भाग ले रहे प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए संत पापा ने जिन दो शब्दों पर दिया
वे थे घटना और मुलाकात। और इन्हीं दोनों के कारण हम ईश्वरीय ज्ञान को प्राप्त करते हैं।
ज्ञात
हो कि इस वर्ष लोकधर्मियों की सभा की विषयवस्तु है ज्ञान सदैव एक घटना है।
संत
पापा ने ज्ञान के बारे में बोलते हुए कहा कि काथलिक कलीसिया के विद्वानों ने इस बात को
बताया है कि अगर हम चाहते है कि हम ईश्वर को देख पायें तो हमें चाहिये कि हम अपने ज्ञान
की आँख को पवित्र करें।
हम पवित्र बाईबल के उस वाक्य को फिर एक बार पढ़ें जहाँ
लिखा है धन्य हैं जिनका ह्रदय निर्मल है वे ईश्वर के दर्शन करेंगे। उन्होंने आगे कि
जब हमारा मन-दिल पवित्र हो जाता है तो हम सत्य को आसानी से पहचान पाते हैं।
संत
पापा ने सेमिनार के प्रतिभागियों से कहा कि वे पूरे विश्वास के साथ ईश्वर के पास जायें
और ईश्वर के प्रेम और सत्य का स्वागत करें।
आयोजक का मानना है कि रिमिनी सेमिनार
के द्वारा ने केवल ईसाइयों का संबंध एक-दूसरे से सुदृढ़ होगा वरन् इस ज्ञान से दूसरे
धर्मावलंबियों के साथ भी सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने में मदद मिलेगी।
ज्ञात हो कि
लोकधर्मियों की इस सभा को इंगलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर मैडरिड के महाधर्माध्यक्ष
जोन मिलबक नाइट्स ऑफ कोलम्बस के कार्ल अंडरसन ने संबोंधित किया। "