मंगलोर, 22 अगस्त, 2009। अंतरधार्मिक वार्ता के लिये प्रयासरत ' समान्वय ' नामक संस्था
से जुड़े फादर जोन फर्नान्डेस ने कहा है कि हिंदुओं और मुसलमानों को चाहिये कि वे भड़काऊ
बयानबाजियों और करतूतों से बचें। उन्होंने कहा कि आये दिन हिन्दु मुसलमानों के विरुद्ध
और मुसलमान हिंदुओं के विरुद्ध भड़काने वाले कार्य करते रहें हैं जिससे अंतरधार्मिक माहौल
प्रदुषित होता रहा है और दहशत और संदेह का वातावरण बनता रहा है। फादर फर्नान्डेस
मंगलोर विश्वविद्यालय के क्रिश्चियन स्टडिस के अध्यक्ष हैं ने कहा कि आये दिन ऐसी घटनाओं
में वृद्धि हुई है। मंगलोर में एक मुसलिम छात्रा को एक हिन्दु महाविद्यालय से इसलिये
निकाल दिया गया क्योंकि उसने अपने सिर को एक स्कार्फ़ से ढँक रखा था। हिंदु छात्राओं
ने माँग किया था अगर एक मुसलिक छात्रा को सिर में स्कार्फ़ बाँधने की अनुमति है तो उन्हें
में सैफरन सलवार कुर्ता पहनने की छूट दी जाये। उन्होंने एक दूसरी घटना का ज़िक्र
किया जिसमें उन्होने बताया कि 15 अगस्त को एक अफवाह फैलाया गया कि मंगलोर के हिन्दु
मंदिर में गाय का सिर पाया गया जिससे हिन्दुओं में रोष था। पर विश्वस्त सूत्रों ने
बताया कि सत्य तो यही था कि वहाँ पर एक हड़डी पायी गयी थी जिसे किसी कुत्ते ने वहाँ लाकर
छोड़ दिया था। दूसरे दिन किसी ने मैसूर के पांडया के शहर में अवस्थित मसजिद मं
सूअर के एक सिर को रख दिया जिससे दोनों समुदायों के बीच तनाव की स्थिति बन गयी। फादर
जोन ने कहा कि यह अच्छा अवसर है कि हम एक दूसरे की भावनाओं को ठेस पहुँचाना बन्द करें।
ज्ञात हो कि कर्नाटक में कुल आबादी 53 मिलियन है और उसमें से 84 प्रतिशत लोग हिन्दु
हैं 12 प्रतिशत लोग मुसलिम और 2 से भी कम हैं। 73 वर्षीय फादर जोन ने खेद व्यक्त करते
हुए कहा कि इतने प्रयासों के बावजूद लोगों को मन अभी तक नहीं बदले हैं।