478 वर्ष की मरिया की तस्वीर कई दुर्घटनाओं के बावजूद सुरक्षित
फोनिक्स, 22 अगस्त, 2009। अ़डोल्फों ओरोज्को नामक एक रसायन शास्त्री ने इस बात को स्वीकार
किया है कि गुडालूपे में अवस्थित माता मरिया की मूर्ति ने इस बात सिद्ध कर दिया है कि
कई बातों को विज्ञान भी जवाब नहीं दे सकता है।
उक्त बात की जानकारी अदोल्फो ने
उस समय दी जब माता मरिया के सम्मान में फोनिक्स में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मरिया
सम्मेलन में वे बोल रहे थे।
नाइट्स ऑफ कोलम्बस के तत्वावधान में इंस्टिट्यूट
ऑफ गुडालूपन स्टडिस में आयोजित सेमिनार में उन्होंने कहा कि संत जूवान दियेगो के हाथ
में माता मरिया का जो चित्र अंकित है उस वैज्ञानिक तरीके से समझाया नहीं जा सकता है।
उन्होंने बताया कि कपड़े पर बनाया गया माता मरिया की तस्वीर आज 478 वर्ष के बाद
भी खराब नहीं हुई है।
उन्होंने यह भी बताया कि यह कपडा दो बार यह कपड़ा बरबाद
होते बाल-बाल बचा। एक बार किसी ने गलती से इसमें एसिड गिरा दिया था।
तो दूसरी
बार जब इसके करीब एक बम-विस्फोट हुआ था।
ज्ञात हो कि शोधकर्ता अडोल्फो ने उस
पवित्र कपड़े पर भी शोध किया था जिससे कथित रूप से येसु के शव को ढँका गया था और इसके
वैज्ञानिक पक्ष पर उन्होंने 300 से भी ज़्यादा वक्तव्य दिये हैं।