2009-08-19 12:48:58

वाटिकन सिटीः "किम दाये जुँग ने अपने विश्वास से सम्बल प्राप्त किया", लोस्सरवातोरे रोमानो


वाटिकन के समाचार पत्र लोस्सरवातोरे रोमानो ने दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति किम दाये जुँग के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा कि उन्होंने ईश्वर में अपने अटूट विश्वास से सम्बल प्राप्त किया तथा मानवता की सेवा की।

दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति एवं नोबेल शांति पुरस्कार विजेता 85 वर्षीय किम दाये जुँग का निधन 18 अगस्त को सेओल के एक अस्पताल में हो गया। विगत कई माहों से वे बीमार थे।

सन् 1998 से सन् 2003 तक किम दाये जुँग दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति रहे थे।

दक्षिण कोरिया में प्रजातंत्रवाद की स्थापना तथा उत्तरी कोरिया के साथ पुनर्मिलन हेतु पूर्व राष्टपति किम दाये जुँग द्वारा किये गये कार्यों की वाटिकन समाचार पत्र ने भूरि भूरि प्रशंसा की।

समाचार पत्र में लिखा गया कि प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा हेतु किम सैन्य शासन के विरोधी बने जिसने उन्हें खत्म कर देने के लिये हर उपलब्ध साधन का उपयोग किया। लोस्सरवातोरे रोमानो ने याद किया कि सैन्य शासन के दौरान कई बार किम को जेल भेजा गया, कैद रखा गया, यातनाएँ दी गई, प्राणदण्ड की सज़ा सुनाई गई तथा दो बार निष्कासित किया गया किन्तु कठिन निराशा की घड़ियों में अपने काथलिक विश्वास से उन्होंने धैर्य एवं सम्बल प्राप्त किया।

पूर्व राष्ट्रपति किम की प्रेरणा से ही कोरिया की "सनशाईन पोलीसी" का सूत्रपात हुआ, ऐसी नीति जिसने उत्तरी कोरिया की तरफ सूर्य की किरण पहुँचाई ताकि दक्षिण एवं उत्तर कोरिया के बीच वार्ता आरम्भ हो सके। इसी नीति के तहत सन् 2000 में दक्षिण तथा उत्तर कोरिया के बीच सम्बन्धों में सुधार आया।

दक्षिण एवं उत्तर कोरिया के बीच वार्ता की स्थापना हेतु ही पूर्व राष्ट्रपति किम दाये जुँग को सन् 2000 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाज़ा गया था। पुरस्कार ग्रहण करते हुए उन्होंने कहा था, "मेरे जीवन में, मैं इस विश्वास के साथ जीता रहा हूँ कि अन्ततः न्याय की विजय होती है।"











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