चेद्दीकुलम 15 अगस्त, 2009। श्रीलंका के प्रसिद्ध मधु मरियन श्राइन को लोगों के लिये
खोल देने के बावजूद हज़ारो तीर्थयात्री 15 अगस्त के मरिया के स्वर्गारोहण पर्व के लिये
वहाँ नहीं जा सके। उकान समाचार ने बताया कि वर्षों तक मधु तीर्थस्थल बन्द रहने के
बाद खुल जाने से करीब 15 अगस्त के समारोह में पाँच लाख लोगों के भाग लेने की संभावना
व्यक्त की जा रही थी पर ख्रीस्तीय नहीं जा पाये क्योंकि अभी तक वे सरकारी शिविरों में
जीवन व्यतीत कर रहे हैं। ज्ञात हो कि श्री लंका में ईसाइयों के लिये मन्नार धर्मप्रांत
में अवस्थित मरिया के इस प्रसिद्ध तीर्थस्थल का वही महत्व हैं जो यूरोप में लूर्द और
फातिमा तीर्थस्थलों का है। मधु तीर्थस्थल तक जाने के लिये सरकार ने विशेष रेलगाड़ियों
की सुविधा उपलब्ध करा दी है पर जगह-जगह पर पुलिस चेकिंग के कारण लोगों को अनेक असुविधाओं
का सामना करना पड़ रहा है। उकान समाचार के अनुसार स्थानीय पुरोहितों ने मरियन महोत्सव
के अवसर पर विभिन्न पल्लियों में ही मिस्सा पूजा बलिदान चढ़ाने का निर्णय लिया है। तीर्थस्थल
से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित कुमारस्वामी और वीरापुरम कैम्पों में पुरोहितों
ने सेना से अनुमति मिलने के बाद विभिन्न छावनियों में यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाने का निर्णय
किया है। ज्ञात हो कि मधु मरियन तीर्थस्थल चार सौ साल पुराना है और घरेलु युद्ध के
कारण यहाँ की मरियम की मूर्ति को वहाँ से हटा दिया गया था जिसे फिर से विगत अगस्त माह
में पुनर्स्थापित कर दिया गया है।