अंतरधार्मिक वार्ता सत्य की खोज के लिये एक तीर्थयात्रा है – कार्डिनल तौरान
वाटिकन सिटी, 15 अगस्त, 2009। कार्डिनल जाँन लुईस तौरान ने जापान में किये जा रहे अंतरधार्मिक
वार्ता के प्रयासों की सराहना की है। अंतरधार्मिक वार्ता के लिये बनी परमधर्मपीठीय
समिति के अध्यक्ष कार्डिनल तौरान ने उक्त बातों को उस समय बताया जब वे 12 अगस्त को अपनी
जापान की यात्रा के बारे में वाटिकन रेडियो को एक साक्षात्कार दिया। कार्डिनल ने
कहा कि जापान की काथलिक कलीसिया की विशेषता रही है कि वह अंतरधार्मिक वार्ता के लिये
बडीं बातों पर नहीं पर इसकी जिम्मेदारी स्थानीय नेतृत्व पर छोड़ दिया है। पल्लियों, स्कूलों
और विश्वविद्यालयों के द्वारा अंतरधार्मिक वार्ता के कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि जापान में काथलिकों द्वारा संचालित शिक्षण-संस्थायें का
स्तर बहुत उँचा है और इसमें कई धर्मावलंबी शिक्षा ग्रहण करते हैं जिससे काथलिकों को
अन्य लोगों से मिलने का सहज अवसर मिल जाता है। कार्डिनल अपने एक सप्ताह के जापान
दौरा के अन्दर वहाँ के बौद्ध गुरुओं, शिन्तो प्रतिनिधियों और मुसलिम धार्मिक नेताओं से
भी मुलाकात की। फ्रांस में जन्मे कार्डिनल तौरान ने अपनी यात्रा के दरमियान हिरोसिमा
में आयोजित धार्मिक समारोह में भी हिस्सा लिया। कार्डिनल तौरान ने कहा कि अंतरधार्मिक
वार्ता सत्य की खोज के लिये एक तीर्थयात्रा है। ज्ञात हो कि कार्डिनल तौरान ने अंतरधार्मिक
वार्ता को बढ़ावा देने के लिये एशिया में अपनी यात्रायें शुरु की हैं। जून महीने
में उन्होंने भारत की यात्रा की थी और हिन्दु धर्मगुरुओं से मुलाकात की थी। और जुलाई
में कजाकिस्तान की भी यात्रा की। उन्होंने अपनी योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा
कि वे एशिया के अन्य देशों का दौरा करेंगे ताकि इससे इस क्षेत्र में विभिन्न धर्मों के
बीच सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित हो सके।