कोलम्बो के नये महाधर्माध्यक्ष मालकम रंजीत का देश में शांति और मेलमिलाप के लिए लोगों
से मिलकर काम करने का आग्रह
श्रीलंका में कोलम्बो के नये महाधर्माध्यक्ष मालकम रंजीत ने देश में शांति और मेलमिलाप
की रचना करने के लिए लोगों से मिलकर काम करने का आग्रह किया है। कोलम्बो के नये महाधर्माध्यक्ष
के रूप में मान्यवर मालकम रंजीत के धर्माध्यक्षाभिषेक समारोह में धर्मप्रांत की विभिन्न
पल्लियों से आये हजारों विश्वासियों, अन्य मसीही समुदायों के सदस्यों सहित हिन्दु और
बौद्ध समुदाय के प्रतिनिधि और अनेक राजनेता उपस्थित थे। श्रीलंका में संत पापा के प्रेरितिक
राजदूत मान्यवर जोसेफ स्पीतेरी ने नये महाधर्माध्यक्ष की नियुक्ति का पत्र पढ़ा। सेवानिवृत्त
महाधर्माध्यक्ष ओसवाल्ड गोमिस ने सिंहली में तथा जाफना के मान्यवर थोमस सवुन्दरानायगम
ने तमिल भाषा में प्रवचन प्रस्तुत किया। महाधर्माध्यक्ष रंजीत ने संत पापा के साथ अपनी
मित्रता का उल्लेख करते हुए सबलोगों से प्रार्थना द्वारा सहयोग करने का अनुरोध किया ताकि
वे अपने कर्तव्य को अच्छी तरह पूरा कर सकें। उन्होंने पुरोहितों, युवाओं और विश्वासियों
को देश की स्थिति पर संबोधित करते हुए कहा कि उनकी इच्छा है कि सम्पूर्ण धर्मप्रांत और
सब काथलिक कार्य देश में शांति स्थापना के लिए कार्य करें। विगत 50 वर्षों में क्षेत्रीयवाद,
संकीर्ण मानसिकता और विभाजनकारी कृत्यों के दुष्परिणाम स्वरूप मातृभूमि ने बहुत पीड़ाएँ
सही हैं। महाधर्माध्य ने कहा कि कलीसिया देश के राष्ट्रपति, राजनैतिक और धार्मिक नेताओं
सहित सब नागरिकों के साथ मिलकर न्यायी स्वतंत्र और लोकतांत्रिक समाज बनाने के लिए कार्य़
करना चाहती है जहाँ धर्म, जाति और भाषा की भिन्नताएँ विभाजन नहीं लेकिन एकता का कारण
बनें। उन्होंने बौद्ध महासंघ के सदस्यों के प्रति अपनी सहदयता प्रकट की जो बहुसंख्यक
धार्मिक समुदाय होने के कारण देश में शांति और मेलमिलाप के लिए कार्य़ करना चाहते हैं।
62 वर्षीय मान्यवर रंजीत 1991 में कोलम्बो के सहायक धर्माध्यक्ष बनाये गये थे। वे 1995
में वे रत्नापुरा के धर्माध्यक्ष तथा सन 2001 में सुसमाचार प्रसार संबंधी परमधर्मपीठीय
परिषद में सहायक सचिव बनाये गये। सन 2004 से 2005 के बीच वे इंडोनेशिया में परमधर्मपीठीय
राजदूत रहे तथा इसके बाद दिव्य आराधना और संस्कार संबंधी परमधर्मपीठीय परिषद में सचिव
के रूप में काम किया। संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने उन्हें जून माह में कोलम्बो का महाधर्माध्यक्ष
नियुक्त किया तथा 29 जून को वाटिकन में आयोजित समारोह में अम्बिरिका प्रदान किया। कोलम्बो
महाधर्मप्रांत में काथलिकों की संख्या 6 लाख 57 हजार है।