2009-08-07 16:25:31

अगरतल्ला धर्मप्रांत में पुरोहितों को समर्पित वर्ष का उदघाटन


भारत के उत्तरपूर्व में स्थित अगरतल्ला धर्मप्रांत में पुरोहितों को समर्पित वर्ष का उदघाटन 4 अगस्त को संत जोन मेरी वियान्नी के निधन की 150 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर सम्पन्न समारोही ख्रीस्तयाग से हुआ। समारोही ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता धर्माध्यक्ष लुमेन मोंतेरो ने किया। कलीसिया के जीवन और मिशन के लिए पुरोहितों की पवित्रता के महत्व पर संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा जोर दिये जाने का समर्थन करते हुए धर्माध्यक्ष मोंतेरो ने अपने सहयोगी पुरोहितों से कहा कि यह साल पुरोहितों को आत्म-मूल्यांकन करने का अवसर देगा। उनकी आशा है कि इससे धर्मप्रांत के पुरोहितों को और अधिक खुश, पवित्र, निष्ठावान और एकता में बंधे पुरोहित बनने में सहायता मिलेगी। उन्होंने अनेक उत्साही पुरोहितों के उदाहरणों का स्मरण किया जिन्होंने बुनियादी सुविधाएँ नहीं होने पर भी सूदुर गाँवों में पहुँचकर लोगों की स्थानीय भाषा सीखकर सुसमाचार का प्रचार किया एवं कठिनाईयों के बावजूद महान आनन्द और उत्साह प्रदर्शित किया। धर्माध्यक्ष महोदय ने प्रत्येक पुरोहित को आमंत्रित किया कि वे अपनी दृष्टि सदैव येसु ख्रीस्त पर लगाये रहें तथा संत जोन मेरी वियान्नी के उदाहरण पर चलें जिसे संत पापा पुरोहिताई के लिए आदर्श निरूपित करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने पुरोहितों को एक दूसरे को सहयोग और प्रोत्साहन देने का आग्रह किया ताकि ब्रह्मचर्य़ के वरदान को वे पूरी तरह जी सकें और जीवंत ख्रीस्तीय समुदाय का निर्माण कर सकें। धर्माध्यक्ष मोंतेरो ने काथलिक विश्वासियों को स्मरण कराया कि पुरोहितों को समर्पित वर्ष प्रत्येक जन के लिए अवसर है कि वे पुरोहित के बारे में अपनी सोच एवं दर्शन का नवीनीकरण करें तथा पुरोहितों के साथ बेहतर सहयोग करें।








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