पुरोहित संतो से प्रेरित होकर जीवन बितायें - संत पापा
कासतेल गंदोल्फो, 3 अगस्त, 2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि पुरोहितों
अपने पुरोहितीय बुलाहट के मूल्यों को सुदृढ़ करें और कलीसिया और दुनिया की सेवा करें।
संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब वे गास्तेल गंदोल्फो में आयोजित रविवारीय
देवदूत प्रार्थना में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर बोलते हुए संत पापा
ने विगत् माह में मनाये गये अनेक संतों के बारे में चर्चा की और कहा कि संतों के जीवन
लोगों को प्रेरित करें, विशेष करके पुरोहितों को ताकि वे उनके आदर्शों पर चलें और कलीसिया
की सेवा कर सकें। ज्ञात हो कि संत पापा ने वर्ष 2009 को पुरोहितों का वर्ष घोषित किया
है। संत पापा ने शनिवार 1 अगस्त को मनाये गये संत अल्फोंसस मेरी लिगोरी के पर्व की
याद करते हुए कहा कि संत अल्फोंसस ने एक धर्माध्यक्ष और कलीसिया के एक प्रकाण्ड विद्वान
के रूप में लोगों के सामने ख्रीस्तीय गुणों का एक आदर्श प्रस्तुत किया। इतना ही नहीं
एक नैतिक धर्म शास्त्री के रूप में उन्होंने सदा ही लोगों को आध्यात्मिक रूप से मजबूत
करने के लिये कार्य किया। उन्होंने संत फ्रांसिस असीसी की याद की और कहा कि वे पुरोहितों
को चाहिये के वे एक पुरोहित के रूप में आत्माओं की मुक्ति के लिये सदा उत्साहित रहें।
संत पापा ने बताया कि इस वर्ष पुरोहितों के संरक्षक संत जोन मेरी वियन्नी की मृत्यु का
एक सौ पचासवीं जयन्ती मनायी जा रही है, जिन्होंने अपने सादे और नम्र जीवन से लोगों के
सामने ख्रीस्तीय जीवन का आदर्श प्रस्तुत किया था। इस अवसर पर बोलते हुए संत पापा ने
संत सियेना की संत कैथरिन और संत दोमिनिक की भी याद की जिनका पर्व भी इसी महीने में मनाया
जायेगा। संत कैथरिन ने अपने प्रेमपूर्ण व्यवहार से लोगों को पवित्र किया और संत दोमिनिक
ने सदा ही अपने वचन से या तो ईश्वर की महिमा गया या ईश्वर से अपना रिश्ता मजबूत किया। संत
पापा ने आगे कहा कि 6 अगस्त को संत पापा पौल षष्टम् की मृत्यु का 31वाँ वर्षगाँठ है जिनकी
मृत्यु गास्तेल गंदोल्फो में ही सन् 1978 में हो गयी थी। उनके बारे में संत पापा
ने कहा कि उनका जीवन एक ओर तो ईश्वर से जुड़ा था तो दूसरी ओर आम लोगों के प्यार से ओत-प्रोत
था। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि पुरोहित इन्हीं संतों के जीवन से प्रेरणा पायेंगे
और पवित्रता में आगे बढ़ेंगे।