2009-07-29 12:12:28

भुवनेश्वर: धर्मान्तरण विरोधी कानून भारतीय संविधान की भावना के विरुद्ध, महाधर्माध्यक्ष चीन्नत


कटक, भुवनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष रफाएल चीन्नत ने कहा है कि धर्मान्तरण विरोधी कानून भारतीय संविधान की भावना के विरुद्ध है। उनके अनुसार यह कानून संविधान में प्रत्याभू धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।

उन्होंने शनिवार को एक प्रेस सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा: "हम उड़ीसा के धार्मिक स्वतंत्रता सम्बन्धी अधिनियम के खिलाफ हैं क्योंकि इसके प्रावधान संविधान की भावना के विपरीत हैं।"

उन्होंने कहा कि यह कानून कुछ लोगों द्वारा रची गई एक चाल है ताकि लोगों का ध्यान विकास सम्बन्धी सरकारी राजनीति से हटाया जा सके। उन्होंने प्रश्न किया कि क्यों केवल भारत के पाँच राज्यों में ही इस प्रकार का विधान लागू किया गया अन्य 25 राज्यों में नहीं?

महाधर्माध्यक्ष ने पूछा कि यदि धर्मपरिवर्तन के इच्छुक को सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता है तो संविधान द्वारा प्रत्याभू धार्मिक स्वतंत्रता कहाँ रह जाती है?

उन्होंने आधिकारिक तौर पर घोषणा की 23 अगस्त को, जिस दिन विगत वर्ष स्वामी लक्षमणानन्द मारे गये थे, उड़ीसा तथा सम्पूर्ण भारत का ख्रीस्तीय समुदाय उपवास एवं प्रार्थना कर शान्ति दिवस मनाएगा। उन्होंने बताया कि इस विषय में वे भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन से बातचीत करेंगे।








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