मानव की सच्ची प्रगति का अर्थ है मानव की सेवा- फादर लोम्बार्डी
वाटिकन सिटी, 27 जुलाई, 2009। संत पापा की हाल में प्रकाशित दस्तावेज़ कारितास इन वेरिताते
का स्वागत समाचार पत्रों ने आशा के संदेश के रूप में किया है।
उक्त बातें वाटिकन
प्रेस कार्यालय के निदेशक जेस्विट फादर फेदेरिको लोम्बार्दी ने उस समय दी जब वे वाटिकन
टेलेविविज़न के साप्ताहिक कार्याक्रम ' ऑक्तावा दियेस ' ' कारितास इन वेरिताते '
के समाचारपत्रों की सूर्खियों में छाये रहने के बारे में टिप्पणी कर रहे थे।
उन्होंने
बताया कि संत पापा का नया दस्तावेज़ पर लगातार मनन-चिन्तन, विश्लेषण और सकारात्मक प्रतिक्रियायें
आ रही हैं।
फादर लोम्बार्डी ने बताया कि विश्व आर्थिक मंदी की समस्या और अन्य
कई चुनौतियों के बीच यह दस्तावेज लोगों में आशा का संचार करता है।
उन्होंने आगे
कहा कि यह बताता है कि मानव का एक मिशन है कि वह न्यायपूर्ण प्रगति करे और लोगों के साथ
अपना संबंध प्रेमपूर्ण बनाये रखे।
यह प्रेम और उदारतापूर्ण संबंध न केवल पारिवारिक
परिवेश में, वरन् सामाजिक और आर्थिक मामलों में भी स्थापित हो।
वाटिकन के प्रवक्ता
ने आगे कहा कि अगर हमें सच्ची प्रगति करनी है तो इससे मानव का कल्याण होना चाहिये।
हम
इस बात से नहीं कतरा सकते हैं कि एक ओर हम प्रगति करते जायें पर इससे मानव की सेवा न
हो।
उन्होंने यह भी बताया कि जिन बातों को इस ' कारितास इन वेरिताते ' में
बतलाया गया है वह पहले कभी नहीं कहा गया था विशेष करके जीवन की रक्षा, पारिवारिक मूल्यों
और यौन-दर्शन के बारे में।
उन्होंने बताया कि इन मामलों में संत पापा ने फिर
से अपनी दृढता का परिचय दिया है और आम धारणा के विपरीत अपना विचार दिया है और इसकी रक्षा
की अपील की है।
नये दस्तावेज़ के बारे में बताते हुए वाटिकन प्रवक्ता ने यह भी
कहा कि दस्तावेज़ को एक एकीकृत प्रवचन के हिस्से के रूप में लिया जाना चाहिये।
इस
दस्तावेज़ इस बात को बारीकी से बताया गया है कि चर्च मानव का विकास किस तरह से चाहती
है। यह बताना चाहती है कि मानव की सच्ची प्रगति का अर्थ है मानव की सेवा।