अमरीकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की स्टाफ सदस्य एसोसिएट डाइरेक्टर फोर यूटिलाईजेशन ओफ
द न्यू अमेरिकन बाइबिल, मेरी एलिजाबेथ स्पेरी ने काथलिकों को बाइबिल पठन के लिए प्रोत्साहन
देते हुए, फलप्रद पठन के लिए दस बिन्दु बताये हैं। कहा गया है कि बाइबिल पढ़ने की शुरूआत
प्रार्थना से होनी चाहिए जो हमारे मन और दिल को ईश वचन के लिए खोले , ईशवचन हमारे जीवन
में फल उत्पन्न करे तथा हमें और अधिक पवित्र एवं विश्वासी व्यक्ति बनने में मदद करे।
प्रार्थना के साथ बाइबिल पठन का आरम्भ और अंत करना फलप्रद बाइबिल पठन के लिए बताये गये
10 बिन्दुओं में से एक है। स्पेरी ने कहा है कि बाइबिल ईश्वर के साथ उनलोगों के संबंध
की कथा है जिन्हें उन्होंने अपने पास बुलाया है। इसे इतिहास, विज्ञान की पुस्तक या राजनऐतिक
घोषणापत्र के समान नहीं पढ़ा जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने संदर्भ के महत्व के भी
रेखांकित किया उदाहरण के लिए कि कैसे पुराना विधान और नया विधान एक दूसरे के साथ संबंधित
हैं तथा बाइबिल को कलीसिया की परम्पराओं एवं विश्वासी समुदाय के अंदर पढ़ा जाना है।