थिरुवान्थापुरम, 17 जुलाई, 2009। केरल के उच्च न्यायालय ने चर्चित सिस्टर अभाया हत्याकाँड
मामले मे बुधवार 15 जुलाई को फादर जोस पुथरीकयिल के उस निवेदन को स्वीकार कर लिया है
जिसमें उसने अपील की थी कि उसे अपनी चिकित्सा के लिये राज्य से बाहर जाने की अनुमति दी
जाये।
इसके पहले जब सिस्टर अभया काँड के मामले के तीन कथित अभियुकतों को यह आदेश
दिया गया था कि वे कोर्ट के आदेश के बिना कहीं भी बाहर नहीं जा सकते थे।
ज्ञात
हो कि यह आदेश न्यायाधीश के. हेमा ने उन्हें दिया था।
यह भी ज्ञात हो कि इस मामले
के कथित अभियुक्त फादर जोस ने अपने गिरते हुए स्वास्थ्य की चर्चा की थी और बताया था कि
जब से उसपर नार्को टेस्ट किया गया और तब से उसे रात में नींद नहीं आती है और वे मानसिक
रूप से अस्वस्थ हो गये हैं।
यह विदित हो कि फादर जोस कसारगोद के संत पीयुस दसवें
महाविद्यालय के प्राचार्य भी हैं।
फादर जोस ने न्यायालय से निवेदन किया है कि
वे अपनी चिकित्सा के लिये भेल्लोर या बंगलोर जाना चाहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि
नार्को अनालिटिक टेस्ट के कारण ही उसके स्वास्थ्य पर बुरा असर पडा है।
यह भी ज्ञात
हो कि हाल में सिस्टर अभया मामले में छानबीन कर रही टीम और सेंटर फॉर डेभलोपमेंन्ट ऑप
इमेज टेक्नोलोजी के विचारों मतभेद देखे गये थे।
इस संबंध में बोलते हुए इरनाकुलम
के चीफ़ जुडिशियल मजिस्ट्रेट ने कहा है कि लबोराटोरी के अधिकारियों से बात करने से यह
बात बिल्कुल स्पष्ट है कि सीडी के साथ छेड़-छाड़ की गयी है।