शिक्षा, सहभागिता और लोगधर्मियों की भागीदारी से बनेगा बक्सर आदर्श धर्मप्रांत- धर्माध्यक्ष
सेबास्तियन
बक्सर 14 जुलाई, बक्सर के नव अभिषिक्त धर्माध्यक्ष सेबास्तियन कल्लुपुरा ने कहा है कि
वे जौभि की बक्सर में विश्वासियों की संख्या सिर्फ़ 15 हज़ार है वे इसे द्वितीय वाटिकन
महासभा के निर्देशों के आधार पर आदर्श धर्मप्रांत बनाएँगे। उन्होंने यह भी कहा कि ' छोटा
होना ही अच्छा है ' । नये धर्माध्यक्ष ने उक्त बातें उस समय कहीं जब वे 4 जुलाई को
उकान समाचार सूत्रों से बातें कर रहे थे। धर्माध्यक्ष सेबास्तियन ने कहा कि जौभि उसके
धर्मप्रांत में कम ईसाई हैं वे उन्हें अन्य लोगों के लिये एक आदर्श बनाना चाहते हैं। ज्ञात
हो कि बक्सर धर्मप्रांत में करीब 25 हज़ार काथलिकों को नाम दर्ज़ है जो मुख्यतः दलित
है। धर्माध्यक्ष ने बताया कि उनके धर्मप्रांत में 10 धर्मप्रांतीय और 15 धर्मसमाजी पुरोहित
हैं जो 14 पारिसों की देखभाल कर रहें। इस अवसर पर बोलते हुए धर्माध्यक्ष ने कहा कि
चर्च का अर्थ सिर्फ़ पुरोहित और धर्मबहने नहीं है पर सभी काथलिकों को मिलाकर कलीसिया
का निर्माण होता है। अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बोलते हुए धर्माध्यक्ष सेबास्तियन
ने कहा कि वे चाहते हैं कि महिलाओं की भागीदारी बढ़े और लोकधर्मी भी कलीसिया को चलाने
में सक्रिय योगदान दें। उनका मानना कि वे गाँवों का व्यक्तिगत दौरा करें और भूमिहीन
किसानों के जीवन स्तर को उँचा उठायें। धर्माध्यक्ष की इच्छ है कि शिक्षा के प्रचार-प्रसार
के द्वारा आम लोगों के जीवन स्तर सुधारा जाये। इसके साथ धर्माध्यक्ष सेवास्तियन चाहते
हैं कि युवाओं को उचित मार्गदर्शन मिले ताकि वे भी कलीसिया के स्तंभ बन सकें इसके ज़िम्मेदारी
वे धर्मसमाजियों को सौपना चाहते हैं जो युवाओं के साथ पूर्ण समर्पण के साथ अपना कार्य
करते हैं। केरल निवासी धर्माध्यक्ष सेवास्तियन ने कहा है कि वे स्थानीय भाषा भोजपुरी
सीखने उत्सुक हैं ताकि लोगों की सेवा बखूबी कर सकें। ज्ञात हो कि अपनी नियुक्ति के
पहले धर्माध्यक्ष सेबास्तियन पटना महाधर्मप्रांत के चांसलर थे।