2009-07-11 12:35:34

केरल काथलिक बिशप्स कोन्फेरेन्स को कोर्ट नोटिस


कोची, 10 जुलाई, 2009 । केरल के उच्च न्यायालय ने केरल काथलिक बिशप्स कोन्फेरेन्स को एक नोटिस भेज कर इस बात की जानकारी दी है कि धार्मिक संस्थाओं और संगठनों को चुनाव प्रचार में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं होगी।

जात हो कि केरल उच्च न्यायालय को इस संबंध में एक याचिका दायर की गयी थी जिसमें इस प्रकार के किसी भी मामले को गै़रकानूनी करार दिया जाये।

यह भी ज्ञात हो कि एस ज्ञानपति थिरुमलावालम कोल्ल्म नामक व्यक्ति ने कोर्ट में याचिका दायर की थी।

उच्च न्यायालय की सूचना के अऩुसार नायार सर्विस सोसाएटी, श्री नरायण धर्म परिपालयन योगम और जामाअत इस्लामी जैसे संगठनों के चुनाव प्रचार पर अंकुश लगाने का प्रयास किया गया है।

विदित हो कि विगत् लोकसभा चुनाव में धार्मिक संस्थाओं और नेताओं का क्रियाकलाप खुल कर सामने आ गये थे। इस पर विचार व्यक्त करत हुए चुनाव के उच्चायुक्त का मानना है कि किसी भी धार्मिक संगठन या नेता का खुल कर किसी भी चुनाव लड़ रहे प्रतिनिधि के लिये प्रचार गै़रकानूनी है।

उच्चायुक्त ने यह भी स्वीकार किया कि वह ऐसी संस्थाओं पर कोई भी कारवाई चुनाव याचिका के तहत् ही कर सकती है।









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