संत पापा के नये विश्वपत्र का भारत और इसके बहुसांस्कृतिक समाज के लिए संदेश
संस्कृति संबंधी परमधर्मपीठीय समिति में एशिया डेस्क के प्रभारी फादर थयोदोर मास्केरनहास
का मानना है कि संत पापा का नवीनतम विश्वपत्र कारितास इन वेरिताते अर्थात सत्य में उदारता
भारत में तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था के सामने प्रस्तुत चुनौतियों के बारे में कहती
है तथा लोगों को निमंत्रण है कि भारतीय संस्कृति और बहुसांस्कृतिक समाज पर हो रहे प्रभाव
को समझें। यद्यपि संत पापा सम्पूर्ण विश्व को सम्बोधित कर रहे हैं तथापि ऐसा प्रतीत होता
है कि उन्होंने भारत की तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था के सामने प्रस्तुत चुनौतियों
की ओर भी इंगित किया है। उन्होंने वर्तमान समय की सब चुनौतियों और समस्याओं जैसे वित्तीय
संकट, आर्थिक असमानता, निर्धनता, भ्रष्टाचार, श्रमिकों के अधिकार, असंतुलिस विकास, युद्ध,
हिंसा पर प्रकाश डाला है। ये सब भारत को भी प्रभावित करती है।