2009-07-06 12:42:29

ईश वचन का बीज लोगों के दिलों में बोना आवश्यक – संत पापा


वाटिकन सिटी, 5 जुलाई, 2009। संत पापा ने कहा है कि बुलाहट संबंधी प्रेरिताई कार्य में लगे सदस्यों का मुख्य कार्य है ईश्वर का बीज लोगों के दिल में रोपना साथ ही गेहूँ के जमीन छिपे हुए दाने के समान लोगों के बीच में कार्य करना।

संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब वे यूरोप में ईश्वरीय बुलाहट के लिये कार्य कर रहे सदस्यों की चार दिवसीय सेमिनार के समापन दिवस पर उन्हें संबोधित कर रहे थे।

पुरोहितों के वर्ष के संदर्भ में यूरोपीय एपिस्कोपल कोन्फेरेन्स बुलाहट संबंधी कार्यालयों के सदस्यों ने इस बात पर विचार किया कि पुरोहितों के जीवन में ईश वचन का क्या अर्थ होना चाहिये।

उन्होंने इस बात पर भी विचार किया कि किस तरह से एक पुरोहित बाइबल सामाजिक और प्रेरितिक कार्यों के आधार पर ईश वचन का उपयोग कर सकते हैं।

संत पापा ने पुरोहितों और अन्य सदस्यों से कहा है कि वे उन्हें चाहिये कि वे सदा ही ईश्वरीय बीज को लोगों के दिलों बोने का कार्य जारी रखें ताकि लोगों का उचित मार्गदर्शन हो सके।

संत पापा ने सदस्यों को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे ईश्वरीय बीज बोने वाले बनें। उन्होंने उनसे यह भी कहा है कि वे उचित फल लाने के लिये गेंहूँ के दाने के समानम मिट्टी में छिपकर नया जीवन देना सीखें।

संत पापा ने सेमिनार के सदस्यों को यह भी बताया कि लोगों के दिलों में बीज बोने वाले ईश्वर ही है, वही उन्हें बढ़ने और उनसे उचित फल लाने में मदद देते हैं।








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