ख्रीस्तीय विरोधी दंगा के आरोपी चक्रधर मल्लिक को सजा
भुवनेशवर, 3 जुलाई, 2009। ख्रीस्तीय विरोधी दंगा के आरोपी चक्रधर मल्लिक को न्यायालय
ने दोषी पाया है और सजा सुनायी है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कटक भुवनेशवर
के महाधर्माध्यक्ष रफाएल चीनाथ ने कहा है कि चर्च को न्याय मिलने से पूरा ख्रीस्तीय
समुदाय प्रसन्न है और इससे लोगों में न्याय-प्रक्रिया में आस्था बढ़ी है। ज्ञात हो
कि उड़ीसा के कंधमाल जिले के फुलबनी में 30 जून को न्यायालय ने ईसाई विरोधी हिंसा के
अभियुक्त चक्रधर मल्लिक को सजा सुनायी है। उस पर आरोप था कि उसने दम्पिडिया के लोकनाथ
दिग्गल के घर को आग लगाया था। न्यायालय की सजा के अनुसार उसे चार साल की जेल और दो हज़ार
रुपया जुर्माना देना पड़ेगा। मल्लिक एक स्थानीय जमींदार है जिसने हिन्दु अतिवादियों
को भड़काया था और कई ईसाई घरों को जला दिया था। ज्ञात हो कि पिछले साल अगस्त 24 को
शुरु हुए ईसाई विरोधी हिंसा में 90 ईसाइयों को मार डाला गया था और करीब 50 हज़ार लोग
महीनों तक शर्णार्थी बन गये थे। महाधर्माध्यक्ष ने आगे कहा कि मल्लिक को सजा मिलना
न्याय ईसाइयों को न्याय मिलने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। दोषियों को सजा
मिलने से ईसाइयों का मनोबल बढ़ेगा और वे साक्ष्य देने के लिये सामने आयेंगे और उन्हें
न्याय मिल पायेगा। दिग्गल के वकील ने बताया कि मल्लिक को सजा दिलाना आसान काम नहीं
था क्योंकि लोग उसके कुकृत्यों का साक्ष्य देने से कतरा रहे थे क्योंकि वह लोगों को
धमकियाँ दे रहा था। ज्ञात हो कि ह्यूमन राइटस लॉ नेटवर्क और क्रिश्चियन लीगल एसोसिएशन
के सदस्य इस न्याय दिलाने की प्रक्रिया में एक साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं जिससे दंगा
पीड़ितों का मनोबल उँचा हुआ है।