2009-07-01 11:51:40

चेन्नईः शरणार्थियों को सुरक्षा न प्रदान करने के लिये भारत ने श्री लंका की आलोचना की


भारत के गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने युद्ध से विस्थापित हुए शरणार्थियों को सुरक्षा न प्रदान करने के लिये श्री लंका की कटु आलोचना की है।
तमिल नाड में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री महोदय ने बताया कि यद्यपि भारत ने श्री लंका के शरणार्थियों को राहत पहुँचाने के लिये श्री लंका की सरकार को पाँच अरब रुपयों का अनुदान दिया है तथापि श्री लंका की सरकार शरणार्थियों की सुरक्षा एवं राहत के लिये पर्याप्त नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि यदि शरणार्थी खुद अपने घरों को लौटने की इच्छा व्यक्त करते हैं तो कोलोम्बो की सरकार को उनकी घर वापसी के लिये उपयुक्त प्रबन्ध करने चाहिये। साथ ही उन्होंने श्री लंका की सरकार आह्वान किया कि वह संविधान के 13 वें अनुच्छेद को लागू कर प्रान्तीय अधिकारियों को सत्ता लौटाये तथा उन्हें स्वतंत्रतापूर्वक काम करने दे। उन्होंने कहा कि इसी के लिये तमिल जाति के लोग संघर्षरत रहे थे।
उत्तरी श्री लंका में युद्ध के दौरान लगाई गई सुरंगों को निकालने में मदद दे रही तथा शरणार्थियों के लिये अरबों रुपयों का अनुदान देनेवाली भारतीय सरकार ने यह मांग भी की है कि शरणार्थी शिविरों को शीघ्रातिशीघ्र बन्द किया जाये तथा लोगों के पुनर्वास का इन्तज़ाम किया जाये।
श्री लंका की सरकार ने वादा किया है कि छः माहों के अन्तर्गत वह शरणार्थियों के पुनर्वास का काम समाप्त कर लेगी।








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