वाटिकन सिटीः कलीसिया अफ्रीका के विकास में योगदान दे सकती है
सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का कहना है कि शिक्षा द्वारा कलीसिया अफ्रीका के विकास में
महान योगदान दे सकती है। जर्मनी के राष्ट्रपति होर्स्ट कोलेर को प्रेषित एक पत्र
में सन्त पापा ने लिखा कि ऐसी शिक्षा प्रदान की जाना अनिवार्य है जो अफ्रीका के लोगों
की सोच में बदलाव लाये तथा उन्हें स्वयं अपने विकास के लिये प्रोत्साहन प्रदान करे।
मार्च
माह में राष्ट्रपति होर्स्ट कोलेर ने अफ्रीका के विकास तथा महाद्वीप के भावी परिप्रेक्ष्य
पर सन्त पापा को पत्र लिखा था। मार्च माह में कैमरून तथा अँगोला की यात्रा करने के उपरान्त
सन्त पापा ने जर्मन राष्ट्रपति को उनके पत्र का उत्तर दिया जिसकी प्रकाशना वाटिकन के
समाचार पत्र लोस्सरवातोरे रोमानो द्वारा इस सप्ताहान्त की गई।
सन्त पापा
ने लिखा, "अफ्रीका, जीवन एवं विश्वास से भरा एक युवा महाद्वीप है जिसके पास महान रचनात्मक
शक्ति है। निःसन्देह, विदेशी अभिरुचियाँ एवं उसके अपने ऐतिहासिक तनाव उसके वर्तमान एवं
भविष्य पर दबाव बनाये हुए हैं। तथापि लोगों का सजीव विश्वास, उनका नैतिक बल एवं विकसित
होती बौद्धिक क्षमता आशा का वातावरण निर्मित करते तथा कठिनाईयों का सामना करने की शक्ति
प्रदान करते हैं।"
अपने पत्र में सन्त पापा ने आश्वासन दिया कि कलीसिया आवश्यक
मानवीय प्रशिक्षण प्रदान कर अफीका के रचनात्मक विकास में निर्णायक योगदान दे सकती है।
उन्होंने लिखा कि कलिसिया अन्तःकरणों का निर्माण कर लोगों के अन्तर को शुद्ध करने का
कार्य करती है। इस प्रकार का प्रशिक्षण अफ्रीकी लोगों को अपने देशों के विकास के अभिनायक
बना देगा तथा उनमें विद्यमान अनगिनत वरदानों का उपयोग समाज में शांति एवं न्याय की स्थापना
के लिये करने हेतु उन्हें प्रोत्साहन प्रदान करेगा।