पादरे पियो की पार्थनामय और सेवामय जीवन से प्रेरणा लें - पोप
सान जियोहान्नी रोतोन्दो, 21 जून, 2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें इस बात पर बल दिया
है कि लोगों को चाहिये कि वे संत पियो पियेतरेलचिना से प्रेरणा लेकर प्रार्थना करें लोगों
की मदद करें ताकि लोग ईश्वर की ओर अग्रसर हो सकें।
संत पापा ने उक्त बातें उस
समय कहीं जब वे सान जियोहन्नी रोतोन्दो में यूखरिस्तीय समारोह में अपने प्रवचन में कहीं।
ज्ञात
हो कि संत पापा ने पियेतरेलचिना के संत पियो के गिरजाघर में मिस्सा पूजा चढ़ाया। अपने
एक दिवसीय दौरे के दरमियान संत पापा जब पियेतरेलचिना पहुँचे तो वहाँ की कपुचिन धर्माधिकारियों
स्थानीय विश्वासियों सरकारी अधिकारियों ने उनका भव्य स्वागत किया।
अपने प्रवचन
में बोलते हुए उन्होंने आग कहा कि येसु की वाणी में इतनी शक्ति है कि वह सबकुछ को नूतन
कर देती है।
उन्होंने कहा कि संत पादरे पियो को येसु की इस शक्ति का गहरा अनुभव
था। संत पादरे पियो के शरीर में जो धाव था वह उन्हें इस बात की सदा याद दिलाता रहता था
कि वे येसु मसीह के दुःख में सहभागी हो रहे हैं।
उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील
की कि वे भी संत पादरे पियो के समान ही अपने जीवन के द्वारा दूसरों को प्रभावित करें
ताकि वे भी सदा सत्य के मार्ग पर चल सकें। इस अवसर पर संत पापा ने लोगों को सक्रियतावाद
और सांसारकिता से सावधान रहने को कहा।
अपनी यात्रा के दरमियान पोप ने उस कमरे
के भी दर्शन किये जहाँ पर पादरे पियो की मृत्यु सन् 1968 ईस्वी में हो गयी थी।