2009-06-19 12:56:21

देवाप्रसाद गनावा झाबुआ धर्मप्रांत के प्रथम भील धर्माध्यक्ष


झाबूआ, 18 जून, 2009। मध्यप्रदेश के झाबुआ धर्मप्रांत के नव अभिषिक्त प्रथम भील धर्माध्यक्ष देवाप्रसाद गनावा ने कहा है कि वे भील आदिवासियों को सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक रूप से मजबूत करेंगे।

धर्माध्यक्ष देवाप्रसाद ने उक्त बातें उस समय कहीं जब 16 जून को अपने धर्माध्यक्षीय अभिषेक समारोह के बाद वे उकान समाचार सूत्रों से अपने भावी कार्यक्रम के बारे में जानकारी दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि लोगो के सहयोग से आदिवासियों की भाषा संस्कृति और सभ्यता की रक्षा और विस्तार का पूरा प्रयास करेंगे। इसके साथ ही वे चाहते हैं कि वे लोगो को नशापान की बुराई से मुक्त करें।

झाबुआ में हुए अभिषेक समारोह में भील समुदाय के करीब दस हज़ार लोगों ने भाग बड़े ही उत्साह से भाग लिया।

सन् 2002 में बनाये गये झाबुआ धर्मप्रांत में धर्माध्यक्ष का पद रिक्त हो गया था जब सन् 2008 में वहाँ पदासीन धर्माध्यक्ष चाको तोटुमरिक्कल को इंदौर का धर्माध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया था।

अभिषेक समारोह की अध्यक्षता भोपाल के महाधर्माध्यक्ष लेओ कोरनेलियो ने किया। इस अवसर पर 11 धर्माध्यक्ष 300 पुरोहित और 500 धर्मबहनें भी उपस्थित थीं।

स्थानीय पुरोहित कासमिर दामोरा ने अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि अपनी धरती से एक धर्मगुरु के आ जाने से उनके भील समुदाय का एक सुनहरा स्वप्न पूरा हो गया है।

58 वर्षीय धर्माध्यक्ष गनावा के धर्मप्रांत झाबुआ में 31 हज़ार काथलिक है 61 पुरोहित हैं।

ज्ञात हो कि झाबुआ जिले को भारत का एक अति पिछड़ा जिला माना जाता है। यहाँ 23 प्रतिशत लोग शिक्षित हैं और अतिवादी हिंदुओं ने ईसाई समुदाय को कई बार अपनी हिंसा का शिकार बनाया है।










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