मुम्बईः धार्मिक स्वतंत्रता सम्बन्धी अमरीकी आयोग को भारत में आने की अनुमति नहीं मिली
भारतीय सरकार ने अन्तरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता सम्बन्धी अमरीकी आयोग के प्रतिनिधियों
को प्रवेश वीज़ा प्रदान करने से इनकार कर दिया है। आयोग के प्रतिनिधि गुजरात तथा उड़ीसा
में अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हुई हिंसा का जायज़ा लेना चाहते थे।
ग़ौरतलब है
कि सन् 2002 के बाद से गुजरात तथा विगत वर्ष उड़ीसा साम्प्रदायिक झगड़ों एवं चरमपंथी
हिंसा के रंगमंच बने हैं जिनमें अल्पसंख्यकों को नाना प्रकार उत्पीड़ित किया गया था।
अन्तरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता सम्बन्धी अमरीकी आयोग प्रतिवर्ष विश्व में
धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर एक रिपोर्ट प्रकाशित करता है तथा उन देशों को इंगित
करता है जहाँ लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन हो रहा है। इस सूची में भारत को रखने
से पूर्व आयोग 12 जून से घटनास्थलों पर जाकर लोगों से पूछताछ करना चाहता था किन्तु भारत
सरकार ने इसके प्रतिनिधियों को देश में प्रवेश हेतु आवश्यक वीज़ा ही नहीं दिया।
इस
बीच, अमरीकी उपविदेश सचिव के नई दिल्ली में होने के बावजूद ओबामा प्रशासन ने प्रतिनिधियों
को वीज़ा दिलवाने के लिये कोई दबाव नहीं डाला। जुलाई माह में अमरीकी राज्य सचिव हिलेरी
क्लिनटन भी भारत का दौरा करेंगी।