विश्वास-प्रशिक्षण, युवाओं के विकास, अंतरधार्मिक वार्ता और संस्कृतिकरण मेरी प्राथमिकता-
धर्माध्यक्ष डाबरे
पूना, जून 8, 2009 । पूना के नये धर्माध्यक्ष थोमस डाबरे ने कहा है कि वे अपने धर्म
प्रांत में विश्वास प्रशिक्षण, युवाओं के विकास, अंतरधार्मिक वार्ता और संस्कृतिकरण आदि
कार्यों पर विशेष बल देंगे। उन्होंने उक्त बातें उस समय कहीं जब 7 जून को एक भव्य
समारोह में उन्होंने पुना धर्मप्रांत का कार्यभार संभाला। यूखरिस्तीय समारोह की अध्यक्षता
कार्डिनल ऑस्वाल्ड ग्रेशियस ने की। यूखरिस्तीय समारोह में 14 धर्माध्यक्षों के अलावा
225 पुरोहितों औऱ करीब तीन हज़ार पाँच सौ लोगों ने भाग लिया। पूना धर्मप्रांत के
बिशप भलेरियन डीसूजा के 32 साल तक अपनी सेवा देने के बाद सेवानिवृत हो जाने से यह स्थान
रिक्त हो गया था। पूना धर्मप्रांत में काथलिकों की संख्या एक लाख है जो लोग साधारणतः
हिन्दुओं के बीच अपना जीवन जीते हैं। इस अवसर पर सेवानिवृत धर्माध्यक्ष डिसूजा ने
नये धर्माध्यक्ष डाबरे को एक सोने की एक परंपरागत क्रूस दिये और कहा कि सोने का वह क्रूस
निरन्तरता और विकास का प्रतीक है। इस अवसर पर बोलते हुए 63 वर्षीय धर्माध्यक्ष डाबरे
ने कहा कि वे अपने धर्मप्रांत के काथलिकों के बीच विश्वास को सुदृढ़ करना चाहते हैं
ताकि वे आनन्द क्षमा और मेल-मिलाप का जीवन जी सकें। ज्ञात हो कि धर्माध्यक्ष डाबरे
सीबीसीआई के काथलिक सिद्धांत संबंधी मामलों के लिये बनी समिति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने
हिन्दु धर्म के बारे विशेष अध्ययन किया है। उन्होंने हाल में ईसाइयों पर हुए हमलों के
प्रति गहरा दुःख व्यक्त किया और लोगों से कहा कि वे चाहते हैं कि हम खुले मन से दूसरों
के धर्म और संस्कृति का आदर करें।