बुधवारीय- आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का संदेश 3 जून,
2009
वाटिकन सिटी, 3 जून, 2009 । बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें
ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न
भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा -
प्रिय भाइयो एवं
बहनों, आज की धर्मशिक्षामाला में हम आइये मध्यकालीन मठवासी रबानुस मौरुस के बारे में
विचार करें। रबानुस जब बहुत ही जवान थे उसी समय उन्होंने अपने को मठवासी जीवन जीने के
लिये ईश्वर को सौंप दिया।
अपने प्रशिक्षण के दरमियान ही उन्होंने ख्रीस्तीय कला
और परंपराओं के बारे में गहरा अध्ययन किया। पढाई के बाद उन्हें फुल्दा का सुपीरियर बनाया
गया और फिर वे माइज़ के धर्माध्यक्ष बनाये गये।
धर्माध्यक्ष के रूप में उन्होंने
ख्रीस्तीय संस्कृति का प्रचार किया और लोगों को एकता के एकसूत्र में बाँधा।
धर्माध्यक्ष
रबानुस ने लोगों के विश्वास को पवित्र धर्मग्रंथ और कलीसिया के शिक्षा के द्वारा मजबूत
भी किया। उन्होंने एक गीत की रचना भी की थी जो ' वेनी क्रिआतोर स्पीरितुस ' के नाम से
चर्चित हुई।
इस गीत में उन्होंने पवित्र क्रूस के बारे में चर्चा की है। इस गीत
के द्वारा धर्माध्यक्ष रबानुस ने यह प्रयास किया है कि लोगों का मन, दिल और आत्मा प्रभु
की ओर उठे और प्रभु के वचन में निहित सत्य को पहचाने और समझ सके।
अपने पूरे जीवन
में रबानुस की यह कोशिश रही कि लोग ख्रीस्तीय परंपराओं को समझें। इसके लिये उन्होंने
धर्मग्रंथ और पूजन विधि को समझाने के लिये टिप्पणियाँ भी लिखीं जिससे विश्वासियों को
आध्यात्मिक लाभ प्राप्त हुए।
आज धर्माध्यक्ष रबानुस का जीवन हमें प्रेरणा दे कि
हम भी उनके समान ही सुसमाचार की बातों पर गहन चिन्तन करें और ईश्वर के साथ प्रार्थनाओं
के सहारे जुड़े रहेँ।
इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।
उन्होंने
इंगलैंड, आयरलैंड फिलीपींस ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों
और उनके परिवार के सब सदस्यों पर प्रभु की कृपा और शांति की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक
आशीर्वाद दिया।