2009-06-01 15:53:40

स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें का संदेश


श्रोताओ संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 31 मई को संत पेत्रुस महामंदिर के प्रांगण में एकत्रित देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों के साथ स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ किया। उन्होंने इस प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व दिये गये संदेश में कहाः-

अतिप्रिय भाईयो और बहनो,

कलीसिया, आज सम्पूर्ण विश्व में पेन्तेकोस्त का समारोही पर्व मना रही है अपने जन्म का रहस्य, पवित्र आत्मा में बपतिस्मा प्राप्त करने का दिवस जो येरूसालेम में पास्का के 50 दिन बाद, यहूदियों के पेन्तेकोस्त पर्व के ही दिन हुआ। पुर्नजीवित प्रभु ने अपने शिष्यों से कहाः- तुमलोग शहर में तबतक बने रहो जब तक ऊपर की शक्ति से सम्पन्न न हो जाओ। यह सब ऊपरी कमरे में हुआ जहाँ शिष्य, माता मरियम के साथ जमा हुए थे और प्रार्थना में लगे थे। हम जैसा कि प्रेरित चरित में पढ़ते हैं अचानक वह स्थान आँधी जैसी आवाज से भर गया और एक प्रकार की आग जो जीभों में विभाजित होकर वहाँ उपस्थित हर एक के उपर आकर ठहर गयी। इसके बाद शिष्य बाहर जाकर विभिन्न भाषाओं में उदघोषित करने लगे येसु ख्रीस्त हैं, ईश्वर के पुत्र, जो मरे और जी उठे। पवित्र आत्मा, जिन्होंने पिता और पुत्र के साथ ब्रह्मांड की सृष्टि की, इस्राएल के लोगों के इतिहास का मार्गदर्शन किया और नबियों के द्वारा बोला, जिन्होंने समय पूरा हो जाने पर हमारी मुक्ति के लिए सहयोग किया, जो पेंतेकोस्त के दिन नवजात कलीसिया पर उतरे और इसे मिशनरी बनाया, सबलोगों के पास भेजा कि वह पाप और मृत्यु पर दिव्य प्रेम की विजय की घोषणा करें।

कलीसिया की आत्मा- पवित्र आत्मा है। इसके बिना वह क्या बन जाएगी। यह निश्चित रूप से महान ऐतिहासिक अभियान बन जाएगा, जटिल और ठोस सामाजिक संस्थान शायद एक प्रकार की मानवतावादी एजेंसी। और वास्तव में यह उन लोगों के द्वारा वैसी ही समझी जाती है जो इसे विश्वास के परिप्रेक्ष्य के बाहर से देखते हैं। तथापि, वास्तव में इसकी सच्ची प्रकृति और अपनी यथार्थ ऐतिहासिक उपस्थिति में कलीसिया प्रभु के आत्मा द्वारा निरंतर बनाई और निर्देशित की जा रही है। यह एक जीवित शरीर है जिसकी जीवंतता निश्चित रूप से अदृश्य दिव्य आत्मा है।

प्रिय मित्रो, इस वर्ष पेंतेकोस्त मई माह के अंतिम दिन पड़ रहा है सामान्य तौर पर इस दिन माता मरियम के एलिजाबेथ से मिलने का पर्व मनाया जाता है। यह तथ्य हमें आमंत्रित करता है कि हम स्वयं को कुँवारी माता मरियम के द्वारा उत्प्रेरित और प्रशिक्षित होने दें जो दोनों घटनाओं में नायिका थीं। नाजरेथ में उन्होंने एकल मातृत्व के देवदूत संदेश को पाया। इसके तुरंत बाद उन्होंने पवित्र आत्मा के द्वारा अपने गर्भ में येसु को धारण किया, वह पवित्र आत्मा के प्रेम से उत्प्रेरित होकर अपनी कुटुम्बिनी ऐलिजाबेथ की सहायता करने के लिए चल पड़ी, जो समान प्रकार के रहस्यपूर्ण गर्भधारण के छठवें माह में थी। युवा मरियम जिन्होंने येसु को अपने गर्भ में धारण किया और स्वयं की परवाह किये बिना अपनी पड़ोसी की सहायता करने के लिए गयी वह कलीसिया के लिए विस्मयकारी प्रतिमा है। कलीसिया जो आत्मा में सदा युवा है, देहधारी शब्द की मिशनरी कलीसिया, इस शब्द को इस दुनिया में लाने के लिए बुलाई गयी है उदारता की सेवा में इसकी विशेष रूप से साक्षी दे। हम अति पवित्र माता मरियम की मध्यस्थता का आह्वान करते हैं ताकि हमारे युग में कलीसिया पवित्र आत्मा के द्वारा मजबूत बने। पवित्र आत्मा की सांत्वनादायी उपस्थिति कलीसियाई समुदायों में विशेष रूप से महसूस की जाती है जो ख्रीस्त के नाम पर अत्याचार सहते हैं क्योंकि उनकी पीड़ा में सहभागी होकर वे मसीह की अत्यधिक महिमा में पवित्र आत्मा को प्राप्त करते हैं।

इतना कहकर संत पापा ने स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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