यूनिसेफ की सहायता से श्रीलंका के अधिकारियों ने 400 बाल सैनिकों को पुर्नवास कार्य़क्रमों
के अंतर्गत रखा है। तमिल टाईगर्स विद्रोही बल द्वारा शामिल किये गये नाबालिग रंगरूटों
के पुर्नवास के लिए चार केन्द्र चलाये जा रहे हैं। इसके साथ ही श्रीलंका सेना अन्य बाल
सैनिकों की पहचान करने का कार्य़ जारी रखे हैं जो आंतरिक रूप से विस्थापित हुए लोगों के
लिए चलाये जा रहे शिविरों में हैं। अब तक 200 लड़के लड़कियों की पहचान की गयी है। वे
विगत सप्ताह युद्द के समय भागे थे और अब अन्य 59 नाबालिगों को अम्बेपुसा के पुर्नवास
केन्द्र में भेजा गया है। बाल सैनिकों के लिए चलाये जा रहे पुर्नवास कार्य़क्रम में उन
चिकित्सा पद्धतियों को भी शामिल किया गया है जिसमें पेंटिंग, गायन,नाटयकला और खेलकूद
के द्वारा बाल मन पर पड़े हिंसक अनुभवों के प्रभावों को दूर किया जा सके।