संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने शुक्रवार को बेनिन, बुरकीना फासो, भारत, मंगोलिया, नाम्बिया,
न्यूजीलैंड, नार्वे और दक्षिण अफ्रीका के नवीन राजदूतों का प्रत्यय पत्र स्वीकार करने
के अवसर पर दिये गये संदेश में कहा कि वैश्विक वित्तीय संकट के कारण सामाजिक अन्याय और
आर्थिक असमानता पहले से अधिक खराब स्थिति में पहुँच गयी है तथा शांति के लिए गहन खतरा
है। उन्होंने कहा कि शांति तब ही साकार की जा सकती है जब लंग साहसपूर्वक अन्यायी पद्धतियों
द्वारा सृजित असमानताओं का उन्मूलन करने के लिए स्वयं को समर्पित करेंगे। उन्होंने कहा
कि सहबसे निर्धन देशों के लिए वित्तीय संकट ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी सहायता
में तेज गिरावट दर्ज की है तथा निर्धन देशों से आनेवाले कच्चे माल की माँग में कमी आई
है। मंदी के कारण सम्पन्न देशों में कार्य़रत लोगों द्वारा अपने परिवारों को धन भेजने
की विदेशी श्रमिकों की क्षमता भी प्रभावित हुई है। यह संकट अनेक कमजोर देशों के निवासियों
के लिए मानवीय महासंकट बन सकता है। विशेष रूप से निर्धन देशों के बच्चों के लिए अस्तित्व
संबंधी संकट उत्पन्न कर सकता है जहाँ भूख और बीमारी के कारण मृत्यु दर अधिक है।