लाहौरः स्वात घाटी में शांति हेतु उपवास एवं प्रार्थना
पाकिस्तान की स्वात घाटी में पाकिस्तानी सेना तथा तालेबान एवं आल कायदा आतंकवादियों के
बीच जारी युद्ध के मद्देनज़र पाकिस्तान के ख्रीस्तीयों ने स्वात घाटी में शांति के लिये
30 मई को उपवास एवं प्रार्थना दिवस की घोषणा की है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के सूत्रों
के अनुसार युद्ध के कारण घाटी के लगभग 24 लाख लोग विस्थापित हो गये हैं। बताया जाता है
कि मिंगोरा में अभी भी सेना तथा तालेबानों के बीच घमासान युद्ध चल रहा है। सेना का कहना
है कि मिंगोरा में तालेबानी चरमपंथियों को परास्त करने में कम से कम दस दिन और लग सकते
हैं। अनेक चरमपंथी मारे गये हैं किन्तु स्पष्ट रूप से इनकी संख्या नहीं बताई जा सकती।
शरणार्थी सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्र संघीय उच्चायुक्त के प्रवक्ता आरियन रुमेरी
ने बताया कि स्वात, दीर और बुनेर से कम से कम 24 लाख लोगों ने पलायन कर लिया है जिनमें
से कुछ अपने रिश्तेदारों एवं मित्रों के यहाँ पहुँच गये हैं जबकि अधिकांश सरकारी शरणार्थी
शिविरों में घोर संकट का सामना कर रहे हैं।
पाकिस्तान के काथलिक एवं प्रॉटेस्टेण्ट
ख्रीस्तीयों ने एक संयुक्त वकतव्य प्रकाशित कर स्वात घाटी की गम्भीर स्थिति पर गहन शोक
व्यक्त किया तथा घोषणा की कि सम्पूर्ण देश में 30 मई को उपवास एवं प्रार्थनाएँ अर्पित
की जायेंगी ताकि स्वात घाटी में युद्ध की समाप्ति एवं शांति की स्थापना हो सके।