2009-05-25 18:05:11

स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ, रविवार 24 मई को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने इटली के मोंते कस्सीनो नगर में ख्रीस्तयाग अर्पित किया। उन्होंने समारोही ख्रीस्तयाग के बाद उपस्थित विश्वासियों के साथ स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ किया। इससे पूर्व दिये गये संदेश में उन्होंने कहाः-

प्रिय भाईयो और बहनो,

हम जब भी ख्रीस्तयाग समारोह मनाते हैं प्रभु येसु द्वारा अपने शिष्यों को अंतिम भोजन कक्ष में दिये गये अनमोल वरदान को अपने दिल में प्रतिध्वनित होते हुए सुनते हैं- मैं तुम्हारे लिए शांति छोड़ जाता हूँ, अपनी शांति तुम्हें प्रदान करता हूँ। मसीही समुदाय और सारी मानव जाति को प्रभु येसु की शांति की शक्ति और समृद्धि का पूर्ण स्वाद पाने की कितनी अधिक जरूरत है।

संत बेनेडिक्ट एक महान साक्षी थे क्योंकि उन्होंने इसे अपने अस्तित्व में आमंत्रित किया था और यथार्थ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नवीनीकरण के कार्य़ में फलप्रद होने दिया। मोंते कस्सीनो मठ और अन्य बेनेडिक्तीन मठ के प्रवेश द्वार के पास आदर्श शब्द के रूप में शांति शब्द अंकित है। वस्तुतः मठवासी समुदाय इस शांति के अनुसार जीवन जीने के लिए बुलाया जाता है जो सर्वोत्तम पास्काई उपहार है। जैसा कि आप जानते हैं होली लैंड की मेरी हाल की यात्रा में मैं शांति के तीर्थयात्री के रूप में गया और आज इस भूमि में जहाँ बेनेडिक्तीन कैरिज्म है मेरे लिए पुनः इस बात पर बल देने के लिए अवसर है कि शांति सर्वप्रथम ईश्वर का वरदान है और इसलिए इसकी शक्ति प्रार्थना में है। यद्यपि यह दिया गया उपहार है तथापि इसे मानवीय देखरेख की जरूरत है। यहाँ तक कि वह ऊर्जा जो इसे वास्तविक बनाने के लिए जरूरी है वह प्रार्थना से ही प्राप्त की जाती है। इसलिए शांति की सामाजिक प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए यह अपरिहार्य़ है कि यथार्थ प्रार्थना जीवन का विकास किया जाये। फिर एक बार मठवाद का इतिहास हमें सिखाता है कि ईश वचन के नियमित श्रवण से सभ्यता में महान विकास की तैयारी होती है। ईश वचन विश्वासियों को अहंकार और अन्याय के खिलाफ संघर्ष में व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास के लिए प्रेरित करता है। हम ईश्वर की कृपा से अपने अंदर और अन्यों के साथ संबंध में उपस्थित बुराई के खिलाफ संघर्ष कर इसे पराजित करना सीख कर ही शांति और सामाजिक प्रगति के सच्चे निर्माता बन सकते हैं।

कुँवारी मरियम, शांति की रानी, सब ख्रीस्तीयों की सहायता करें कि वे अपने जीवन की विभिन्न परिस्थितियों और बुलाहटों में येसु ख्रीस्त द्वारा दी गयी शांति तथा इसे सर्वत्र साकार करने की अपेक्षा रखनेवाले मिशन के साक्षी बन सकें।

इतना कहकर संत पापा ने विश्वासियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। तदोपरान्त उन्होंने स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ करने के बाद सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








All the contents on this site are copyrighted ©.