विश्व सम्प्रेषण दिवस- अंतर धार्मिक वार्ता को मजबूती प्रदान करने के लिए चुनौती
पूना के नवनियुक्त धर्माध्यक्ष थोमस डाबरे ने 24 मई को मनाये जानेवाले विश्व सम्प्रेषण
दिवस को देखते हुए भारत में सहअस्तित्व के लिए मीडिया द्वारा अर्पित अवसर और खतरे विषय
पर विचार व्यक्त करते हुए एशिया समाचार सेवा से कहा कि सामाजिक सम्प्रेषण ऐसे अभिगम की
रचना करती है जिसमें यथार्थ और समग्र अंतर धार्मिक वार्ता की भावना निहित है और जो एशिया
में चर्च के लिए मेषपालीय आयाम को प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीकि
के क्षेत्र में हुई प्रगति, अंतरराष्ट्रीय मंच पर हो रहा विकास और विश्व समुदाय का एक
वैश्विक गाँव के रूप में सिमटना इन सबमें विनाश के खतरे हैं यदि हमारे सामाजिक सम्प्रेषण
का आधार अंतर धार्मिक वार्ता नहीं है। अंतर धार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय समिति
के सदस्य मान्यवर डाबरे का मानना है कि सामाजिक सम्प्रेषण और अंतर धार्मिक वार्ता के
मध्य अटूट संबंध है। सब सम्प्रेषण मीडिया संस्कृतियों और धर्मों को मिलने की अनुमति प्रदान
करनेवाला महत्वपूर्ण संसाधन है। इसके साथ ही मीडिया को अंतर धार्मिक वार्ता की जरूरत
है क्योंकि यह वास्तव में लोगों और देशों के बीच संचार सम्प्रेषण का साधन है। काथलिक
कलीसिया 24 मई को 43 वाँ विश्व सम्प्रेषण दिवस मना रही है जिसका शीर्षक हैः नई तकनीकियाँ,
नये संबंध- सम्मान, संवाद और मैत्री की संस्कृति के प्रसार में।