कारितास - श्रीलंका को भविष्य की ओर देखने की जरूरत है
कारितास का कहना है कि श्रीलंका को अपने भविष्य की ओर देखने की जरूरत है, दशकों तक चला
युद्ध समाप्त हो गया है लेकिन देश में शांति की घोषणा करने से पूर्व अनेक कदम उठाये जाने
की जरूरत है। कारितास इंटरनेशनालिस ने देश में शांति स्थापना के लिए तीन कदम उठाये जाने
का प्रस्ताव किया है। ये हैं- युद्ध के कारण विस्थापित हुए और शिविरों में रह रहे लोगों
की स्थिति को बेहतर बनाया जाये, बेघर हुए लोगों को पुर्नवास के लिए सहायता दी जाये तथा
न्याय का वातावरण तैयार किया जाये जो 18 प्रतिशत तमिल अल्पसंख्यकों सहित श्रीलंका के
सब निवासियों की जरूरतों को पूरा करे। अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठन कारितास इंटरनेशनालिस
ने बताया कि शिविरों में रह रहे लगभग 2 लाख 50 हजार लोगों तक मानवतावादी कार्यकर्त्ताओं
की पहुँच बहुत सीमित है। इस स्थिति में बदलाव किये जाने पर बल देते हुए कारितास ने श्रीलंका
सरकार का आह्वान किया कि लोगों के लिए भोजन, शुद्ध पेय जल और सुरक्षा सुनिश्चित की जाये।
श्रीलंका में कारितास के कार्यकारी निदेशक फादर डेमियन फरनान्डो ने क्षेत्र का दौरा करने
के बाद सरकार से अपनी योजनाओं को पूरा करने के लिए पहल करने की जरूरत पर जोर दिया ताकि
शिविरों में रह रहे लोगों का पुर्नवास हो और वे अपने घरों को लौट सकें। उन्होंने कहा
कि लोग संकटों और त्रासदियों का सामना करते हुए 10 बार तक अपने निवास स्थल बदलने को विवश
हुए हैं इसलिए गहन रूप से अवसादग्रस्त हुए लोगों के जीवन का पुर्ननिर्माण करने के लिए
सहायता उपलब्ध कराने की जरूरत होगी।