श्री लंकाः युद्ध के अन्त के लिये सबके लिये समान अवसर आवश्यक कहना काथलिक धर्माध्यक्षों
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श्री लंका के काथलिक धर्माध्यक्षों ने कहा है कि देश में युद्ध का अन्त तब ही हो सकता
है जब सभी को समान अवसर दिये जायें।
सोमवार को तमिल लड़ाकाओं को पराजित करने
के बाद श्री लंका की सरकार ने युद्ध की समाप्ति की घोषणा की थी किन्तु काथलिक धर्माध्यक्षों
का कहना है कि जो लोग युद्ध के कारण विस्थापित हो गये हैं, बेघर हो गये हैं तथा जिन्होंने
अपने जीविका के साधनों को खो दिया है उनके पुनर्वास के बिना युद्ध को समाप्त नहीं कहा
जा सकता।
उत्तरी श्री लंका में जाफना के महाधर्माध्यक्ष थॉमस सवुन्दरानायगम ने
एशिया समाचार से कहा कि सेना ने तमिल लड़ाकाओं को मार गिराया है किन्तु युद्ध से विस्थापित
हुए लगभग तीन लाख लोग इस समय शरणार्थी शिविरों में दयनीय दशा में जीवन यापन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आशा के विरुद्ध ये शरणार्थी आशा कर रहे हैं कि श्री लंका की सरकार इनके
पुनर्वास का ख्याल करेगी। उन्होंने कहा कि ये लोग अपने घरों को लौटना चाहते हैं तथा स्वतंत्रता
में प्रतिष्ठापूर्ण जीवन जीना चाहते हैं।
इस बीच कोलोम्बो के काथलिक महाधर्माध्यक्ष
ऑस्वल्ड गोम्ज़ ने कहा कि हमने जंग जीत ली है जबकि असली युद्ध जीतना अभी भी बाकी है और
यह तब ही जीता जा सकेगा जब श्री लंका के प्रत्येक नागरिक को समान अवसर एवं समान अधिकार
प्राप्त होंगे।